हसनपुर विधानसभा सीट पर मतगणना चल रही है. हसनपुर विधानसभा सीट पर तेजप्रताप यादव पीछे चल रहे हैं. चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, अभी तक तेज प्रताप यादव को 6416 वोट मिले हैं जबकि जदयू के राज कुमार को 8 हजार के करीब वोट मिले हैं. बता दें कि तेजप्रताप यादव राजद प्रमुख लालू यादव के बड़े बेटे हैं. खुद तेजस्वी यादव ने उनके लिए कई बार रैली की.
समस्तीपुर जिले में आने वाली इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जेडीयू के बीच मुकाबला है. आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के चुनाव मैदान में उतरने से लड़ाई दिलचस्प हो गई है. वहीं जेडीयू ने राज कुमार राय, एलजेपी ने मनीष कुमार को मैदान में उतारा है. जन अधिकार पार्टी की तरफ से अरुण प्रसाद यादव ताल ठोक रहे हैं. इस सीट पर तीन नवंबर को हुए 58.59% मतदान हुआ था.
मुख्य उम्मीदवार
आरजेडी- तेज प्रताप यादव
जेडीयू- राज कुमार राय
एलजेपी- मनीष कुमार
जन अधिकार पार्टी- अरुण प्रसाद यादव
बहरहाल, 2015 के चुनावों में जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा थी और यह सीट उसी के खाते में रही. पिछले चुनाव में जेडीयू के राजकुमार राय को 63,094 (43.0%) मतों से जीत मिली जबकि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के विनोद चौधरी को 33,494 (22.8%) मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहना पड़ा. वहीं जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के सुनील कुमार पुष्पम तीसरे स्थान पर रहे
और उन्हें 19,756 (13.5%) वोट मिले.
खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में आने वाली हसनपुर विधानसभा सीट पर 2010 के चुनावों में राजकुमार राय जीतने में कामयाब रहे थे. उन्हें 36,767 (31.5%) मतों के साथ जीत हासिल हुई थी. 2010 में सुनील कुमार पुष्पम आरजेडी के टिकट पर मैदान में थे और उन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था. सुनील कुमार पुष्पम को कुल 33,476 (28.7%) वोट मिले थे.
क्या कहता है इतिहास
हसनपुर विधानसभा सीट पर शुरू से ही समाजवादी रुझान वाले दलों को जीत मिलती रही है. यदि 1967 से यहां के चुनावी इतिहास को देखा जाए तो सिर्फ 1985 में कांग्रेस को जीत मिली थी. शुरुआत में इस सीट पर संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, जनता दल के उम्मीदवार जीतते रहे हैं. बाद के दिनों में हसनपुर सीट जदयू और राजद के बीच चुनावी जंग का मैदान बन गई.
गजेंद्र प्रसाद हिमांशु हसनपुर सीट से विधानसभा चुनावों में सात बार जीते. संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर गजेंद्र प्रसाद हिमांशु 1967 और 1969 में विधानसभा सदस्य चुने गए. 1972 के चुनाव में वह एसओपी के टिकट पर मैदान में उतरे और हैट्रिक लगाई. फिर 1977 और 1980 के चुनावों में वह जनता पार्टी के टिकट पर लड़े और जीत हासिल की. 1985 में इस सीट पर पहली और अंतिम बार कांग्रेस को जीत मिली. कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद यादव 1985 के चुनाव में जीते. गजेंद्र प्रसाद हिमांशु ने फिर 1990 के चुनावों में जनता दल के टिकट पर जीत हासिल की.
इसके बाद 1995 के चुनावों में जनता दल ने सुनील कुमार पुष्पम को अपना उम्मीदवार बनाया जिन्होंने जीत हासिल की. वर्ष 2000 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर गजेंद्र प्रसाद हिमांशु मैदान में थे जिसमें उन्होंने जदयू के टिकट पर जीत हासिल की. इसके बाद सुनील कुमार पुष्पम अक्टूबर 2005 और फरवरी 2005 के चुनाव में राजद के टिकट पर सुनील कुमार पुष्पम ने जीत हासिल की.
जातिगत समीकरण
हसनपुर विधानसभा क्षेत्र की आबादी जनगणना 2011 के आंकड़ों के मुताबिक 432865 है. इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात क्रमशः 17.55 और 0.01 फीसदी है. इस सीट पर 2015 के चुनावों में 56.07% मतदान हुआ था.