मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज चमकौर साहिब की अनाज मंडी से राज्य में धान के खरीद कामों की शुरुआत औपचारिक तौर पर की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ख़ाद्य और सिवल सप्लाईज़ विभाग को एक अक्तूबर से शुरू हुए खरीफ मंडीकरण सीजन के दौरान निर्विघ्न खरीद को यकीनी बनाने के आदेश दिए।
किसानों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम किसानों की फ़सल का एक-एक दाना खरीदने के लिए वचनबद्ध हैं और इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि धान की खरीद के पहले दिन ही फ़सल की लिफ्टिंग शुरू हो चुकी है जो अपने आप में रिकार्ड है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीद, लिफ्टिंग और अदायगी उसी दिन की जायेगी और इस समूची प्रक्रिया को डिजिटल विधि के साथ कार्यशील किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने एक बटन दबा कर डिजिटल ढंग के साथ भुगतान करने की पहल की शुरुआत करते हुए एक किसान को धान की अदायगी ट्रांसफर की।
किसानों को पूसा- 44 और धान की अन्य सम्बन्धित किस्मों की काश्त बंद करने की अपील करते हुये भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन किस्मों की काश्त बंद की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अगले सीजन से इन किस्मों पर पाबंदी लगाने का फ़ैसला पहले ही कर लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी की अधिक खपत वाली यह किस्में कटाई के लिए भी अधिक समय लेती हैं और बहुत पराली पैदा करती हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ट्रकों में जीपीएस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के प्रयोग से लिफ्टिंग की समस्या हल हो जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से नियमों में ढील देने के बाद 654 नए शैलरों ने अपना काम शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के मुआवज़े का वितरण पहले ही शुरू कर दिया गया है और एक-एक पैसे का नुकसान राज्य सरकार द्वारा अदा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ों के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार के पास प्रांतीय आपदा राहत फंड में काफ़ी पैसा है।
भगवंत सिंह मान ने धान के खरीद कामों के लिए नोडल एजेंसी ख़ाद्य और सिवल स्पलाई विभाग को धान की तुरंत और निर्विघ्न खरीद और भंडारण के लिए सभी ज़रुरी प्रबंधों को यकीनी बनाने के लिए कहा। अपनी सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की फ़सल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा और खरीद हुई फ़सल को उसी दिन मंडी में से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर अदायगी करने के लिए निर्धारित नियमों की सख़्ती के साथ पालना को यकीनी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार है कि पंजाब सरकार ने खरीद शुरू होने से पहले धान के सीजन के लिए 37,000 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमट ( सी. सी. एल.) प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने धान की खरीद के लिए केंद्र सरकार से सी. सी. एल. के तौर पर 42000 करोड़ रुपए की मांग की थी जिसके मुकाबले 37000 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धान के चालू सीजन के दौरान निर्विघ्न खरीद को यकीनी बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। भगवंत सिंह मान ने बताया कि राज्य की मंडियों में धान की संभावित आमद के लिए पहले ही पुख्ता प्रबंध किए जा चुके हैं।
किसानों को पराली जलाने की प्रथा को छोडऩे की अपील करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को फ़सलों के अवशेष के प्रबंधन के लिए नये खेती यंत्र दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही भट्टों के लिए पराली ईंधन के साथ-साथ अन्य प्लांटों को किसानों से पराली खरीदने के लिए लाजि़मी किया हुआ है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार से पराली जलाने की प्रथा को रोकने के लिए किसानों के लिए लाभदायक हल की मांग भी की हुई है।
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि राज्य सरकार ने डीएपी का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाया था और इस पहलकदमी से तीन लाख मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने भारत सरकार से बासमती के निर्यात के लिए तय कीमत बढ़ाने की मांग की है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह समय की ज़रूरत है क्योंकि हम फ़सली विभिन्नता को और आगे बढ़ाने का फैसला किया है जिस कारण कीमतों में विस्तार होना लाभदायक साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अथक यत्नों स्वरूप बासमती की काश्त अधीन 21 प्रतिशत तक क्षेत्रफल बढ़ा है।
भगवंत मान ने बताया कि भारत सरकार ने खरीफ मंडीकरण सीजन, 2023- 24 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2203 रुपए प्रति च्ंिटल तय किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य की चार खरीद एजेंसियां पनग्रेन, मार्कफैड्ड, पनसप और पंजाब स्टेट वेयरहाऊस कारपोरेशन, भारतीय ख़ाद्य निगम (एफसीआई) के साथ मिलकर भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद कर रही हैं।