राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का हाल ही में सावरकर (Savarkar) पर दिया बयान कांग्रेस पार्टी (congress party) के लिए गले की फांस बन गया है। इसका नजारा तब देखने को मिला जब, बीती रात मल्लिकार्जुन खड़गे (mallikarjuna Kharge) की डिनर मीटिंग में 17 दलों के नेता पहुंचे लेकिन, उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने दूरी बनाकर रखी। ऐसे में कांग्रेस अब फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। सूत्रों के अनुसार, तमाम विपक्षी दलों ने उद्धव की नाराजगी के बाद वीडी सावरकर जैसे संवेदनशील विषयों पर टिप्पणी करने से दूर रहने की सहमति जताई है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर विपक्षी नेताओं की डिनर मीटिंग में उद्धव ठाकरे की गैर-मौजूदगी की चर्चा काफी ज्यादा थी। ठाकरे ने हाल ही में राहुल गांधी को चेतावनी दी थी वीडी सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी परेशान करने वाली है। उद्धव ने दो टूक शब्दों में कहा था कि सावरकर उनके लिए भगवान जैसे हैं। ऐसे में वो उनके खिलाफ कोई टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
क्या कहा था राहुल ने
दरअसल, हाल ही में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरनेम पर की गई टिप्पणी ‘सारे मोदी चोर क्यों होते हैं’ को लेकर दो साल की सजा के बाद सांसदी जाने को लेकर प्रेस कॉफ्रेंस की थी। राहुल गांधी ने बयान पर माफी मांगने को लेकर पूछे सवाल के जवाब में कहा था- “मेरा नाम सावरकर नहीं गांधी है, मैं माफी नहीं मांगूंगा।”
राहुल गांधी के इस बयान ने उद्धव ठाकरे के खेमे को गहरा आघात पहुंचाया। उद्धव ने राहुल गांधी को चेतावनी दी कि “हमारे भगवान का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने कहा था, ‘मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि हम एक साथ आए हैं, यह सही है, हम इस देश में लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। लेकिन ऐसा कोई बयान न दें जो दरार पैदा करे।’
डिनर मीटिंग में विपक्ष का सावरकर पर प्रस्ताव
सोमवार रात को खड़गे के आवास पर विपक्ष की आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। इस बैठक में 17 विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आम आदमी पार्टी से लेकर ममता बनर्जी की टीएमसी के अलावा, DMK, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड, तेलंगाना की सत्तारूढ़ भारत रक्षा समिति, RS, CPM, CPI, MDMK, KC, TMC, RSP, RJD, J&K के सदस्य बैठक में एनसी, आईयूएमएल, वीसीके, एसपी, झामुमो उपस्थित हुए। लेकिन, उद्धव की पार्टी ने इस बैठक से खुद को किनारे रखा। सूत्रों के अनुसार, यही मुद्दा डिनर मीटिंग के दौरान चर्चा का विशेष केंद्र था। ऐसे में नेताओं ने विपक्षी एकता पर जोर देते हुए सावरकर पर नये प्रस्ताव का दांव चला। यह फैसला लिया गया कि सावरकर पर विपक्षी नेता किसी भी टिप्पणी से खुद को दूर रखेंगे।
मुखपत्र में भी उद्धव की खरी-खरी
वीडी सावरकर के खिलाफ बयान पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। संपादकीय में कहा गया, “सावरकर ने गुलामी और ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। पार्टी उनका अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी। संपादकीय में कहा गया, ‘राहुल गांधी बार-बार ‘मेरा नाम सावरकर नहीं है’ जैसे बयान दे रहे हैं, लेकिन इस तरह के बयान देने से कोई बहादुर नहीं बनता।’