विधानसभा चुनाव के साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष एक बार फिर आमने सामने हो गया है। कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हुए मुकदमे, एसएचओ का निलम्बन और एसीपी और एसडीएम से रिपोर्ट मांगी गयी है। प्रशासन की सख्ती और कार्रवाई के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या का तल्ख बयान आया है। लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय में नेताओं कार्यकर्ताओं की भीड़ पहुंची थी। इसके बाद कार्यालय में उमड़ी भीड़ पर कोरोना के नियमों के उल्लंघन को लेकर मामला दर्ज किया गया है। चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन करना था।
अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को गोरखपुर में मुख्यमंत्री हजारों लोगों के साथ खिचड़ी खा रहे थे, इसलिए पहले उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने भी गोरखपुर में भीड़ जुटा कर आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन किया है। सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री ने हजारों लोगों के बीच खिचड़ी खाई, इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
ऐसा है मामला
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग द्वारा रैलियों पर रोक लगाई गई है। चुनाव आयोग की यह पाबंदी 15 जनवरी तक के लिए जारी रहने वाली है। शुक्रवार को सपा लखनऊ कार्यलय के बाहर लोगों की भीड़ उपस्थित थी। इस कार्यक्रम को सपा ने वर्चुअल रैली का नाम दिया लेकिन वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं। किसी भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ। इसके बाद सपा के कुल 2500 नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा कि ढाई हजार समाजवादी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें 269, 270, 144 महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के द्वारा पहले वीडियोग्राफी कराई गई, जिसके बाद उन को चिन्हित किया गया है और फिर मुकदमा दर्ज किया गया।
गोरखपुर में खिचड़ी चढ़ाने पहुंचे थे लोग
पुलिस की ओर से समाजवादी पार्टी पर हुई कार्रवाई के बाद बीजेपी से सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य ने भीड़ को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में योगी ने भी प्रोटोकाॅल का उल्लंघन किया है। शुक्रवार को मकर संक्रांति थी। इस मौके पर गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। इस दौरान यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था। इससे पहले शुक्रवार दोपहर को उन्होंने एक दलित परिवार के घर जाकर खिचड़ी भी खाई थी। इसी को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि सीएम ने सार्वजनिक रूप से हजारों लोगों के बीच खिचड़ी खाई थी, इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए. उन्होंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।