राजस्थान सरकार के उप मुख्यमंत्री के पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट को बंगला खाली नहीं करना पड़ेगा. सचिन पायलट के साथ बर्खास्त किए गए दो मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी गहलोत सरकार ने बंगला देने के लिए तरकीब निकाली है. इन तीनों को ही विधानसभा पूल के तहत बंगला आवंटित किया गया है. दरअसल, राजस्थान हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को 13 सिविल लाइंस का बंगला ख़ाली करना था. मगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे के बंगले को विधानसभा के कोटे में डलवा दिया. असल में, विधानसभा के पास वरिष्ठ विधायकों को बंगला आवंटित करने का अधिकार होता है. उसी अधिकार के तहत वसुंधरा राजे को फिर से वही 13 सिविल लाइंस का बंगला आवंटित कर दिया गया था.
अब इसी के आधार पर सचिन पायलट और उनके साथ बर्खास्त किए गए दोनों मंत्रियों को बंगले आवंटित कर दिए गए हैं. मंत्री पद से हटाए जाने के बाद सितंबर में ही उन्हें बंगला खाली करना था. मगर दोनों नेता इस आस में बंगला नहीं खाली कर पा रहे थे कि मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो बंगला वापस मिल जाएगा. मगर जब या विस्तार मई जून तक टल गया है तो राहुल गांधी के दौरे से पहले अशोक गहलोत ने बंगले का विवाद खत्म कर लिया है. अशोक गहलोत सरकार के सियासी संकट के समय बीजेपी के खिलाफ और गहलोत के पक्ष में बयान देने वाले भगवा पार्टी के विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को भी बंगला विधानसभा कोटे से आवंटित किया जाएगा.