साउथ अफ्रीका (South Africa) के खिलाफ टेस्ट सीरीज 1-2 से गंवाते ही Virat Kohli ने टेस्ट कप्तानी (Test Captaincy) छोड़ने का ऐलान कर दिया. अचानक से सामने आए इस फैसले ने सभी को हैरत में डाल दिया. क्रिकेट के बड़े बड़े पंडित हैरान थे, ये सोचकर कि ये कैसा फैसला है. लेकिन, सच यही था कि विराट कोहली अब भारतीय टीम के कप्तान नहीं थे. खैर, विराट के जिस फैसले पर सारी दुनिया हैरान दिखी, उसी पर उनके साथ और खिलाफ दोनों ही तरीके से क्रिकेट खेल चुके साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन का अपना ही मत है. उन्होंने इसे बेहतरी के लिए लिया फैसला बताया. स्टेन के मुताबिक, इस फैसले के बाद विराट को बतौर खिलाड़ी निखरने में मदद मिलेगी.
स्टेन ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा कि भारत जैसी टीम की कप्तानी करना आसान बात नहीं. ये काफी दबाव वाला जॉब है. मुझे लगता है विराट अब अपनी फैमिली को भी ज्यादा टाइम देना चाहते होंगे, जिसके चलते उन्होंने ये कदम उठाया. आपको बताते चलें कि IPL टीम RCB के लिए विराट कोहली और डेल स्टेन साथ साथ क्रिकेट खेल चुके हैं.
अब विराट के खेल में दिखेगा निखार- स्टेन
स्टेन के मुताबिक, “कप्तानी काफी स्वार्थहीन चीज है. फोकस इस पर होना चाहिए कि हम कैसे खुद पर ध्यान रखकर टीम की बेहतरी में भी योगदान दे सकें. इसी चीज ने विराट को कप्तानी छोड़ने पर विवश किया. वो अब अपने परिवार और अपने खेल यानी बल्लेबाजी पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करना चाहते हैं. उम्मीद है कि अब हम सब एक बेहतरीन विराट कोहली को देखेंगे, जो कि जल्दी ही अपने इंटरनेशनल शतक का सूखा भी खत्म करेंगे.”
भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान का तमगा पाने वाले विराट कोहली ने 68 मैचों में कप्तानी की, जिसमें से 40 जीते. विराट कोहली की टेस्ट कप्तानी में भारतीय टीम ने सफलता के कई नए आयाम देखे. टीम टेस्ट में नंबर वन बनी. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की पहली फाइनलिस्ट बनी और ऑस्ट्रेलिया में खेली टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज की.
साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में बनाए 52 रन
साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में विराट कोहली बेहतरीन टच में दिख रहे थे. लेकिन, 63 गेंदों पर 52 रन बनाने के बाद वो तबरेज शम्सी का शिकार बन गए. इस अर्धशतकीय पारी के दौरान उन्होंने शिखर धवन के साथ दूसरे विकेट के लिए 79 रन की साझेदारी भी की.