कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और पश्चिमी यूपी के बड़े मुस्लिम नेता इमरान मसूद (Imran Masood) जल्द ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल होने वाले हैं. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से लखनऊ में उनकी मुलाकात हो चुकी है. इमरान मसूद के साथ कांग्रेस के दो विधायक नरेश सैनी और मसूद अख़्तर भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. अखिलेश और इमरान के बीच हुई मुलाकात में फैसला हो चुका है. नरेश सैनी और मसूद अख़्तर दोनों विधायकों को समाजवादी पार्टी से चुनाव भी लड़ाया जाएगा. इमरान मसूद कांग्रेस में राहुल गांधी के करीबी माने जाते रहे हैं. साल भर से इमरान समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की वकालत कर रहे थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में ‘मोदी के बोटी बोटी काट लेने वाले’ उनके विवादित बयान पर बड़ा हंगामा हुआ था.
सहारनपुर के पूर्व विधायक इमरान मसूद ने पिछले साल एक बयान में कहा था कि सपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो यूपी में बीजेपी को हरा सकती है. जब मसूद से उनकी योजनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा था कि राजनीति क्रम परिवर्तन और संयोजन के बारे में है और संभावनाएं असंख्य हैं. किसी पार्टी में शामिल होने या पार्टी छोड़ने में कुछ भी गलत नहीं है. मसूद परिवार का समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ हमेशा घनिष्ठ संबंध रहा है. इमरान मसूद के चाचा और संरक्षक राशिद मसूद मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव दोनों के करीबी थे. इसलिए, अगर मसूद सपा में शामिल होते है, तो यह आश्चर्य की बात नहीं होगी. सपा के एक वरिष्ठ नेता और अखिलेश यादव सरकार में पूर्व मंत्री राजपाल सिंह कह चुके हैं कि इमरान की घर वापसी होगी. साल 2007 के बाद इमरान मसूद ने कभी कोई चुनाव नहीं जीता, जो उनकी पहली जीत थी.