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यूक्रेन के चार शहरों देररात रूसी सेना ने किए हवाई हमले, वार्ता का चौथा दौर खत्‍म, निर्णय नहीं आया सामने

रूसी सेना (Russian army) ने यूक्रेन (Ukraine) की राजधानी कीव (Kyiv) और बाकी बड़े शहरों पर कब्जे के लिए बमबारी और तेज कर दी है। तीन शहरों माइकोलेव, खारकीव और रिवने (Mykolev, Kharkiv and Rivne) पर हवाई हमला भी किया। उत्तरी शहर चेर्निहीव पर भी रातभर हवाई हमला होता रहा। उधर, दोनों देशों के बीच वार्ता का चौथा दौर भी पूरा हो गया है। हालांकि, इसके नतीजे के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) के सलाहकार मिखाइलो पोदोल्याक ने वीडियो लिंक के जरिये वार्ता की तस्वीर ट्वीट की।


उन्होंने कहा, वार्ता में यूक्रेन (Ukraine) ने शांति, युद्धविराम, रूसी सेना की तत्काल वापसी और नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी की मांग उठाई। खुद जेलेंस्की ने कहा, वार्ता के नतीजे जल्द सार्वजनिक किए जाएंगे। वहीं, यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया, कीव के बाहरी हिस्से में भी दोनों सेनाओं के बीच जंग जारी है। रूसी सेना ने कीव के उपनगरों पर तोपखाने से गोले बरसाए हैं। यूक्रेन की सबसे बड़ी विमान निर्माण फैक्टरी पर हवाई हमले में दो लोग मारे गए, जबकि 7 घायल हुए हैं। एन्टोनोव स्थित इस फैक्टरी में दुनिया के बेहतरीन कार्गो विमान तैयार किए जाते हैं।

रूस ने माना, जैसा सोचा था उतनी तेजी से नहीं हुई सैन्य कार्रवाई
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी अफसर नेशनल गार्ड के प्रमुख विक्टर जोलोतोव ने पहली बार माना कि यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई उस तेजी से नहीं हो पाई, जितनी सोची गई थी। उन्होंने कहा, वहां के सैनिक नागरिकों के पीछे छिपकर हमले कर रहे हैं, जिससे रूसी अभियान धीमा हो गया।

मैरियूपोल : 2500 नागरिकों की मौत
यूक्रेन का दावा मैरियूपोल में अब तक 2500 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार लड़ाई में 596 नागरिक मारे गए।

रूस का दावा है, उसकी सेना मैरियूपोल के उत्तर में पांच और शहरों तक पहुंच चुकी है। जबकि, यूक्रेन की बैलेस्टिक मिसाइल से दोनेस्क में 20 नागरिकों की मौत हो गई।

सोशल मीडिया और एप तक लोगों की पहुंच और कम करने की कोशिश में क्रेमलिन
हमले से पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश में सोशल मीडिया मंच तथा अन्य एप की पहुंच को सीमित करने का काम शुरू कर दिया और अब आवाजों को दबाने के लिए नए तमाम प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। पश्चिमी देशों की सोशल मीडिया कंपनियों के काम समेटने का भी लाभ परोक्ष रूप से पुतिन को ही मिल रहा है। रूसी खोजी पत्रकार आंद्रेई सोलातोव ने आगाह किया, रूस से पश्चिमी प्रौद्योगिकी कंपनियों के रिश्ते तोड़ने से लाभ पुतिन को ही ज्यादा होगा।
सोलातोव ने सेंसरशिप का पर्दाफाश करने के लिए काम किया है और अब उन्हें डर है कि यूक्रेन की सहायता के लिए उठाए जा रहे कदम पुतिन को रूसियों को सूचनाओं से दूर करने और क्रेमलिन को उसकी नीतियों का प्रचार करने में मदद करेंगे।