गर्भावस्था के दौरान में मां को फल और मेवा खिलाई जाती है। जिससे घर में पैदा होने वाल बच्चे का रंग सफेद हो। वैसे क्या आप सोच सकते हैं कि कोई अपने बच्चे को सिर्फ इसलिये मार दे कि उसका रंग गोरा है। जी हां इस जगह अगर गोरा बच्चा पैदा होगा होगा तो मिलेगी मौत की सजा यह कोई मजाक नहीं सच है।
हम बात कर रहे हैं जारवा जनजाति के लोगो की जो बच्चा गोरा पैदा होने पर मार देते हैं। यह जनजाति अडंमान में है जहां इन लोगों का यही मानना है कि अगर बच्चा थोड़ा गोरा होगा तो वह उस प्रजाति के लोगो से अलग होगा जिससे वह अपने आप को उस समाज से पृथक समझेगा। वहां की यह जनजाति गर्भवती महिलाओं को जानवारों का खुन भी पिलाते है ताकि बच्चे का रंग काला हो। इसी कारण से यहां यह परंपरागत रुप से चल रहा है।
इस समुदाय के इलाके में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है। ये लोग अंडमान ट्रंक रोड के नज़दीकी रिहायशी इलाकों में रहते हैं। यहां की परंपरा के अनुसार यदि बच्चे की मां विधवा हो जाए या फिर उसका पिता किसी दूसरे समुदाय का हो तो बच्चे को मार दिया जाता है और इसके लिए कोई सजा नहीं है।
हम बात कर रहे हैं जारवा जनजाति के लोगो की जो बच्चा गोरा पैदा होने पर मार देते हैं। यह जनजाति अडंमान में है जहां इन लोगों का यही मानना है कि अगर बच्चा थोड़ा गोरा होगा तो वह उस प्रजाति के लोगो से अलग होगा जिससे वह अपने आप को उस समाज से पृथक समझेगा। वहां की यह जनजाति गर्भवती महिलाओं को जानवारों का खुन भी पिलाते है ताकि बच्चे का रंग काला हो। इसी कारण से यहां यह परंपरागत रुप से चल रहा है।