चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। इस महामारी की चपेट में अब तक ढाई करोड़ से अधिक लोग आ चुके हैं। जबकि बड़े पैमाने पर मौत का आंकड़ा भी सामने आया है। बता दें कि कोरोना से मरने वाले मरीजों की संख्या विश्व में 8,35,000 पहुंच गई है, जो सरकार और वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि कई देशों में कोरोना से निपटने के लिए वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। खबर है कि साल के अंत तक या अगले साल के छमाही महीने में अमेरिका, भारत, ब्रिटेन की वैक्सीन का सफल परीक्षण पूरा कर लिया जाएगा। दुनियाभर में हो रहे कोरोना ट्रायल को लेकर उम्मीद की जा रही है कि भारत इस बार वैक्सीन का इजाद कर लेगा। बर्नस्टीन ने एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर चार संभावित टीके हैं, जिन्हें 2020 के अंत तक या 2021 की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन से स्वीकृति मिल जाने के अनुमान हैं। इनमें से दो टीके ‘एस्ट्राजेनेका व ऑक्सफोर्ड का वायरल वेक्टर टीका और नोवावैक्स का प्रोटीन सबयूनिट टीका’ के लिए भारत ने भागीदारी की हुई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बाजार में 2021 की शुरुआत में एक स्वीकृत टीका उपलब्ध हो जाने की उम्मीद बढ़ रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘इन दोनों टीकों के लिए सुरक्षा व प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की क्षमता बढ़ाने में पहले व दूसरे चरण के परीक्षण भरोसेमंद लगते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि सब कुछ ठीक रहा तो भारत में 2021 की पहली तिमाही में ही कोरोना वैक्सीन बाजार में लॉन्च की जा सकती है।
वहीं इसके टीके की कीमत प्रति खुराक तीन से छह डॉलर (225 से 550 रुपये) हो सकती है और क्रियान्वयन की दिक्कतों के कारण सामूहिक प्रतिरक्षा विकसित होने में दो साल लग सकते हैं। इसका कारण व्यापक स्तर पर टीकाकरण
के मामले में कम अनुभव होना है. बताया जा रहा है कि इनमें से 2021 में भारत के लिए 40 से 50 करोड़ खुराक उपलब्ध कराए जाएंगे।