महाराष्ट्र (Maharashtra) में भाजपा (BJP) के एक नेता ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं। इनमें उन्होंने दावा किया है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) का एक बड़ा नेता जल्द ही जेल जाएगा। उनके इस दावे ने राज्य में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) के करीबी माने जाने वाले मोहित कंबोज (Mohit Kamboj) के ट्वीट का मकसद “अस्थिर शिंदे सरकार” को उबारने के लिए उनपर दबाव बनाना है।
मंगलवार की देर रात किए अपने ट्वीट में मोहित काम्बोज ने कहा कि तत्कालीन मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik), शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे की गिरफ्तारी के बारे में उनकी पूर्व की भविष्यवाणी सच साबित हुई थी। इस मामले में उनकी स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत थी।
2019 में अजीत पवार के मिली थी क्लीन चिट
उन्होंने हालांकि एनसीपी नेता का नाम नहीं लिया। काम्बोज ने आगे कहा कि सिंचाई घोटाले की फिर से जांच की जानी चाहिए, जिसे 2019 में तत्कालीन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रमुख परमबीर सिंह ने बंद कर दिया था। एनसीपी नेता अजीत पवार को 2019 में इस मामले में क्लीन चिट मिल गई थी। मोहित कंबोज ने बाद में कहा कि वह जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और इस एनसीपी नेता की भारत और विदेशों में सभी बेनामी संपत्तियों का विवरण प्रकट करेंगे।
फिर से केस खोल सकती है सरकार
सूत्रों ने कहा कि भाजपा संकेत दे रही है कि पार्टी जल्द ही अजीत पवार के खिलाफ मामले फिर से खोलेगी। आपको बता दें कि देवेंद्र फडणवीस के पास गृह मंत्रालय है।
बीजेपी नेता के दावे पर हंगामा
बीजेपी नेता के इस ट्वीट के बाद जमकर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने सवाल किया कि एक भाजपा नेता केंद्रीय एजेंसियों द्वारा किसी भी संभावित कार्रवाई के बारे में पहले से कैसे जान सकता है। उन्होंने कहा, “यह दिखाता है कि ये एजेंसियां भाजपा के हाथों में कैसे खेल रही हैं। यह और कुछ नहीं बल्कि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नेताओं को धमकाने का एक ज़बरदस्त प्रयास है।”
एनसीपी का बीजेपी पर पलटवार
एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री शशिकांत शिंदे ने कहा कि नए सत्र की पूर्व संध्या पर काम्बोज का ट्वीट विपक्ष को चुप कराने की कोशिश है। उन्होंने कहा, ‘ट्वीट मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर आए हैं जिससे भाजपा की मंशा पूरी तरह से स्पष्ट हो गई है। इस मामले में काफी पहले क्लीन चिट दे दी गई थी। अगर राज्य सरकार मामले की फिर से जांच करना चाहती है, तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन किसी भी नेता को कारावास की धमकी देने के लिए नहीं। यह अनुचित है।”