भोपाल में पकड़े गए प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश (Jamaat-e-Mujahideen Bangladesh) के आतंकी (Terrorists) भारत को खलीफा शासन (khalifa Rule) बनाने की साजिश के तहत काम कर रहे थे. इसके लिए वो बड़ा मात्रा में पैसे औऱ पावर का उपयोग कर रहे थे. जानकारी के अनुसार आतंकी असम के रास्ते दक्षिण से होते हुए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में घुसे. अरबी में खलीफा शब्द का मतलब प्रतिनिधि या उत्तराधिकारी होता है. पैगंबर मुहम्मद की 632 ईसवी में मृत्यु के बाद पूरे मुस्लिम समाज की राजनैतिक बागडोर संभालने वालों को खलीफा कहा जाता था. इस तरह रईस के राज को रियासत, अमीर के राज को अमीराज और खान के राज को खानत कहते थे. उसी तरह खलीफा के राज को खिलाफत कहा जाता था.
जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश साल 1998 में अस्तित्व में आया. इसका उद्देश्य जिहाद के जरिए खलीफा शासन की स्थापना करना है. जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश और इसके संगठन जमात-ए-मुजाहिदीन इंडिया या जमात-ए-मुजाहिदीन हिंदुस्तान और इनके रूप ने आतंकवादी गतिविधियां की हैं. आतंकी गतिविधियों को बढ़ा दिया है. भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए युवाओं को क्ट्टर बनाने और उनकी भर्ती करने में संलग्न रहा है.
सबसे पहले असम पुलिस ने किया था गिरफ्तार
जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश आतंकवादी गतिविधियो, विस्फोटकों, रसायनों और इम्मप्रोवाइज्ड विस्फोटक का उपयोग करने के लिए भर्ती और रुपये एकत्र करने में लगा है. बर्धमान बम विस्फोट और बोध गया विस्फोट की जांच में जीएमडी के सदस्यों की संलिप्तता साबित हुई थी. भारत में सबसे पहले असम पुलिस ने जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश के संबंधित 56 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था. जांच में इनके पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा राज्यों के जिलों में भारत-बांग्लादेश सीमा 10 किलोमीटर क्षेत्र भीतर स्थायी अड्डे बनाने की योजना का पता चला था.
दक्षिण भारत में भी है नेटवर्क
ये भारतीय उपमहाद्वीप में खलीफा शासन स्थापित करने के व्यापक उद्देश्य से दक्षिण भारत में इसका नेटवर्क फैलाने में लगे हैं. यहां से इन्होंने मध्यप्रदेश और खासतौर पर भोपाल में अपना नेटवर्क बनाया. जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश भारत में दो नाम से सक्रिय है. जमात-ए-मुजाहिदीन इंडिया और जमात-ए-मुजाहिदीन हिंदुस्तान. जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश का मानना है कि वे अल्लाह के सिपाही हैं,. वो कहते हैं कि अल्लाह के कानून को लागू करने के लिए हमने हथियार उठा लिए हैं. अगर सरकार इस चेतावनी के बाद भी देश में इस्लामी कानून स्थापित नहीं करती है और अगर अल्लाह के कानून की मांग करने पर किसी भी मुसलमान को गिरफ्तार किया जाता है. तो हम जवाबी कार्रवाई करेंगे.