बिहार (bihar) में नया गठबंधन (new alliance) के आकार लेने और एनडीए (NDA) में टूट की आहट साफ सुनाई दे रही है। सोमवार की सुबह से शाम तक सियासी गतिविधियां और तमाम दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाओं (leaders’ reactions) से इस आहट को और बल मिला है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU National President Lalan Singh) और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (State President Umesh Kushwaha) ने मीडिया में जो प्रतिक्रिया दी है, उससे भाजपा के प्रति उनकी तल्खी साफ नजर आ रही है।
वैसे तमाम दलों ने अपने प्रवक्ताओं और नेताओं को किसी भी बयान से परहेज करने की हिदायत दी है। राजद ने अपने प्रवक्ताओं का पैनल ही भंग कर दिया है। भाजपा के नेताओं ने भी चुप्पी साध रखी है।
आज बैठकें होंगी
मंगलवार को जदयू, राजद और हम ने विधायक दलों की बैठक बुलाई है। इनमें नए गठबंधन पर अहम फैसला होना है। नया गठबंधन आकार लेगा तो संख्याबल करीब दो तिहाई होगा। महागठबंधन में राजद 79, कांग्रेस 19 और वामदल 16 यानी कुल 114 विधायक हैं। जदयू-हम की संख्या 49 है। सभी मिलकर 163 विधायक होते हैं।
राजद, जदयू, कांग्रेस एवं वामदलों के नए गठबंधन के आकार लेने की गूंज दिनभर सुनाई देती रही। जदयू के ललन सिंह ने कहा, आरसीपी सिंह प्रकरण के बाद जो स्थिति बनी है, उसे लेकर मंगलवार को बैठक होगी। उन्होंने भाजपा के प्रति सवालिया लहजे में यह कहकर नाराजगी जताई कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू का कौन नेता शामिल होगा, यह भाजपा तय करेगी?
शाह ने नीतीश से बात की
कुमार की गृहमंत्री अमित शाह से सोमवार सुबह फोन पर बात भी हुई। हालांकि, बातचीत क्या हुई यह साफ नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, जदयू की शर्तें भाजपा मान लेती है तो सरकार बनी भी रह सकती है। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद शाहनवाज हुसैन, भीखू दलसानिया देर शाम दिल्ली रवाना हो गए। गठबंधन पर मंगलवार को मंथन हो सकता है। भाजपा नीतीश के फैसले का इंतजार करेगी।
तेजस्वी सलाह देते रहे
मुख्यमंत्री दिनभर जनता दरबार में रहे और वे भाजपा कोटे के दोनों उपमुख्यमंत्री से बात करते दिखे। वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मंथन करते रहे। प्रमुख नेताओं को बयानबाजी न करने की सलाह देते रहे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा, हालात पर पार्टी नजर रख रही है।
नीतीश कुमार अगर भाजपा से गठबंधन तोड़ते हैं तो कांग्रेस के साथ-साथ भाकपा माले, माकपा और हम ने उनके समर्थन का एलान किया है। कांग्रेस पार्टी ने विधानमंडल दल की बैठक में नीतीश कुमार को समर्थन देने का फैसला किया। माकपा ने कहा है कि बिहार में नये सत्ता समीकरण का वह स्वागत करेगा। वहीं एनडीए में जदयू के सहयोगी ‘हम’ ने कहा है कि वह हर निर्णय में जदयू के साथ है।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया है। सोमवार को पार्टी विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा के आवास पर हुई विधायकों की बैठक में पार्टी ने तय किया कि अगर कोई परिस्थिति बनती है और मुख्यमंत्री महागठबंधन के साथ सरकार बनाते हैं तो कांग्रेस उसका बिना शर्त समर्थन करेगी। साथ ही पार्टी ने फिलहाल सभी विधायकों को पटना में ही डटे रहने को कहा है।
उधर, जीतन राम मांझी ने कहा है कि हम पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हर निर्णय के साथ हैं। उन्होंने मंगलवार को विधायकों-सांसदों की बैठक बुलाई है। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए अटूट और अटल है।
जदयू सांसद-विधायकों की बैठक आज
जदयू के सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों की बैठक मंगलवार को होगी। मुख्यमंत्री ने एक अणे मार्ग में यह बैठक बुलाई है। बैठक में वर्तमान राजनीतिक हालात पर विचार-विमर्श कर आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा। इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बताया कि आरसीपी सिंह प्रकरण के बाद जो परिस्थिति बनी है, उसपर सभी से राय लेने के लिए मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई है।
वहीं, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एक सवाल पर कहा कि एनडीए में अभी कुछ गड़बड़ नहीं है। हम लोगों की पार्टी में कुछ गतिविधियां हुई हैं, इस पर बात करने के लिए विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों की बैठक तय है। इसी में राजनीतिक हालात पर भी चर्चा होगी।