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पुलिस ने चार्जशीट में लिंगायत संत शिवमूर्ति पर किए बड़े खुलासे, बच्ची से कई बार रेप करने का आरोप

नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के मामले (sexual abuse cases) में जेल में बंद लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू (Shivmurti Murugh) के खिलाफ कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने कोर्ट (court) में चार्जशीट दायर (charge sheet filed) कर ली है। लिंगायत संत के खिलाफ चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासे किए गए हैं। लिंगायत पर आरोप है कि उसने 2013 से 2015 के बीच आधी रात को 13 साल की बच्ची के साथ कई बार बलात्कार किया। बच्ची को आदेश था कि जब सब सो जाएं तो पिछले कमरे से लिंगायत के कमरे में एंट्री ले और सुबह लोगों के उठने से पहले निकल जाए।

आरोप पत्र में कहा गया है कि 64 वर्षीय लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू बच्ची को सभी के सो जाने के बाद अपने कमरे में बुलाता था। रेप के दौरान वह बच्ची से इस बात की भी तसल्ली लेता था कि किसी ने उसे आते हुए देखा तो नहीं। वारदात के वक्त नाबालिग की उम्र 13 साल की थी।

जगद्गुरु मुरुगराजेंद्र विद्यापीठ मठ द्वारा संचालित हाई स्कूल में पढ़ने वाली कम से कम दो नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न के आरोप में शरणारू चित्रदुर्ग जेल में बंद हैं। उन्हें 1 सितंबर को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। 27 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज होने के एक हफ्ते बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

27 अक्टूबर को जांच दल ने मामले में जिले की दूसरी अतिरिक्त एवं सत्र अदालत के समक्ष 694 पन्नों का आरोप पत्र पेश किया और इसमें साधु और दो अन्य आरोपियों को नामजद किया है।

सुबह साढ़े 4 बजे से पहले रेप
आरोप पत्र में नाबालिग पीड़िता की आपबीती बताई गई है। बकौल नाबालिग, “मेरी मां का 2012 में एक बीमारी के कारण निधन हो गया। मैं 7 वीं कक्षा में पढ़ रही थी … मेरे पिता ने मुझे मुरुघ मठ के प्रियदर्शिनी हाई स्कूल में दाखिला दिलाया, जहां मैं अक्का महादेवी छात्रावास में रुकी थी। वह (लिंगायत) सुबह साढ़े 4 या पांच बजे से पहले तक मेरे साथ रेप करते थे। इसके बाद किसी और के उठने से पहले मुझे भेज दिया करते थे।”

हॉस्टल वार्डन की मिलीभगत
पीड़िता के मुताबिक, श्रुति और अपूर्वा जब हॉस्टल में आईं तो वार्डन थीं। तब हमें किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। यह परेशानी 2013-2014 में शुरू हुई जब रश्मि ने हॉस्टल वार्डन के रूप में पदभार संभाला। “रश्मि मुझे रात 9 बजे के बाद फल और पैसे लेने के लिए लिंगायत संत के पास जाने के लिए कहती थी। मैं उसे दूसरी लड़की के साथ दो-तीन बार देखने गई। कुछ दिन बाद दूसरी लड़की ने मना कर दिया। मैं रात के खाने के बाद और सबके सो जाने के बाद पिछले दरवाजे से उनके कमरे में चली जाती थी।”

एक नहीं कई बार किया रेप
पीड़िता के अनुसार, “वह मुझे सूखे मेवे और चॉकलेट दिया करता था। वह पूछते थे कि क्या किसी ने मुझे उनके कमरे में जाते देखा है। फिर वह मुझसे अपने कपड़े उतारने को कहता। वह अपने कपड़े भी उतार देता था। वह मुझे अपनी गोद में बैठाता था और मेरे गुप्तांगों को गलत तरीके से छूता था और फिर मेरे साथ रेप करता था।