बॉलीवुड की चर्चित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) की रिलीज पर न्यूजीलैंड (New Zealand) में रोक लगा दी गई है. देश के सेंसर बोर्ड (Censor Board), जिसने पहले फिल्म को मंजूरी दी थी, ने कुछ सामुदायिक समूहों के जरिए संपर्क किए जाने के बाद अपने फैसले की समीक्षा करने का फैसला किया. देश के सेंसर बोर्ड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को A सर्टिफिकेट दिया था जो 16 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को इसे देखने की अनुमति देता है. लेकिन बोर्ड ने अपने फैसले की समीक्षा करने और फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने का फैसला किया है.
1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन पर केंद्रित ये फिल्म 11 मार्च को रिलीज होने के बाद से ही विवादों में घिर गई है. रिपोर्टों में कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के जरिए फिल्म की सामग्री पर चिंता जताए जाने के बाद मुख्य सेंसर फिल्म के क्लासिफिकेशन की समीक्षा कर रहा है.
न्यूजीलैंड के पूर्व उप प्रधान मंत्री ने साधा फिल्म पर निशाना
न्यूजीलैंड के पूर्व उप प्रधान मंत्री विंस्टन पीटर्स ने फिल्म बोर्ड पर निशाना साधा और कहा कि फिल्म को सेंसर करना न्यूजीलैंड के लोगों की स्वतंत्रता पर हमला होगा. पीटर्स ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि, “इस फिल्म को सेंसर करना न्यूजीलैंड में 15 मार्च के अत्याचारों की जानकारी या इमेज को सेंसर करने के समान है, या उस मामले के लिए 9/11 पर हमले की सभी इमेजेज को सार्वजनिक ज्ञान से हटा देना है.”
उन्होंने कहा कि, “आतंकवाद अपने सभी रूपों में, चाहे उसका सोर्स कुछ भी हो, उजागर किया जाना चाहिए और इसका विरोध किया जाना चाहिए. सेलेक्टिव सेंसरशिप के इस प्रयास से न्यूजीलैंड और दुनिया भर के लोगों की स्वतंत्रता पर एक और हमला होगा.”
फिल्म में किया है कई सितारों ने काम
विवेक अग्निहोत्री के जरिए निर्देशित, ‘द कश्मीर फाइल्स’ में अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी जैसे सितारों ने काम किया है. देश भर के कई राज्यों से भारी सरकारी समर्थन और टैक्स ब्रेक पर सवार, विवादास्पद फिल्म एक सफल सफलता बन गई है. इसकी कड़वी आलोचना भी हुई है क्योंकि सरकार के लिए एक व्यावसायिक फिल्म के पीछे अपना वजन बढ़ाना अभूतपूर्व है. इसके अलावा, फिल्म की संवेदनशील राजनीतिक प्रकृति और तथ्यों की अशुद्धि/जानबूझकर गलत बयानी के आरोपों की वजह से सरकार पर प्रचार में लिप्त होने का आरोप लगा है.
सोशल मीडिया पर सिनेमाघरों के अंदर और बाहर दोनों जगह वीडियो की बाढ़ आ गई है, जहां लोगों को मुसलमानों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता है, कुछ लोगों को जोरदार भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करते हुए और गुस्से में नारे लगाते हुए देखा जा सकता है.