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देश के सबसे अमीर उद्योगपति के खिलाफ साजिश, पीएम जैसा है मुकेश अंबानी का सुरक्षा घेरा

मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर के बाहर एक संदिग्ध कार में जिलेटिन की छड़ें और धमकी भरा पत्र मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। उधर, सीआरपीएफ ने भी अंबानी की सिक्योरिटी का रिव्यू किया है। उनकी क्लोज प्रोटेक्शन में तैनात कमांडो की संख्या बढ़ा दी गई है। आसपास के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है।

क्या लिखा है इस पत्र में?:

पुलिस को जो पत्र मिला है उसमें मुकेश अंबानी और उनके परिवार को धमकी देते हुए लिखा गया है कि इस बार विस्फोटक असेंबल कर नहीं रखे गए थे, लेकिन अगली बार ऐसा नहीं होगा। पत्र में लिखा है कि मुकेश भैया, नीता भाभी ये तो एक ट्रेलर था। तुम्हारी पूरी फैमिली को उड़ाने का पूरा इंतजाम हो गया है।

Z+ सुरक्षा घेरे में चलते हैं अंबानी: आपको बता दें कि मुकेश अंबानी ((Mukesh Ambani Security) देश के उन चुनिंदा लोगों में शामिल हैं जिन्हें Z+ (जेड प्लस) कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी को भी तमाम एजेंसियों के अलावा इसी कैटेगरी की सुरक्षा मिली है। इस सुरक्षा घेरे में कम से कम 55 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं, जिसमें अत्याधुनिक हथियारों से लैस करीब 10 एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स) के खतरनाक कमांडो भी शामिल होते हैं।

बुलेट प्रूफ कारों के काफिले में चलते हैं: दुनिया के टॉप टेन अमीरों में शुमार रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी बुलेट प्रूफ और आर्मर्ड कारों के काफिले में चलते हैं। इस काफिले में, बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज से लेकर रेंज रोवर जैसी गाड़ियां शामिल हैं। जीक्यू इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी काफिले में अपनी पसंदीदा बुलेट प्रूफ बीएमडब्ल्यू कार में चलते हैं। उनके आगे-पीछे कई आर्मर्ड गाड़ियों का एस्कॉर्ट होता है।

दो कारें हैं पसंदीदा: मुकेश अंबानी अक्सर अपनी BMW760Li और मर्सिडीज बेंज S600 गाड़ियों में नजर आते हैं। ये दोनों गाड़ियां ही आर्मर्ड हैं। जेड प्लस सिक्योरिटी के अलावा अंबानी परिवार की सुरक्षा में निजी एजेंसियों के गार्ड भी तैनात हैं। जो 24 घंटे उनकी और उनके परिवार की निगाबानी करते हैं। खुद उठाते हैं सुरक्षा का खर्च: आपको बता दें कि मुकेश अंबानी को भले ही सरकार की तरफ से जेड प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली हो, लेकिन इसका पूरा खर्च वो खुद उठाते हैं। इकॉनमिक टाइम्स एक रिपोर्ट के मुताबिक इस सिक्योरिटी पर वो हर महीने करीब 15-16 लाख रुपए खर्च करते हैं। इसके अलावा सुरक्षाकर्मियों के रहने-खाने का का बंदोबस्त भी करते हैं।