मुरादाबाद के लिए बहुत खुश करने वाली खबर है। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की डॉ. प्रेरणा गुप्ता ने मिसेज इंडिया का खिताब जीत लिया है। करीब 100 प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में शिरकत की। प्रतियोगिता के निर्णायकों ने बीस-बीस महिलाओं के पांच समूह के तीन राउंड के बाद फाइनल में डॉक्टर प्रेरणा समेत 16 प्रतिभागी ही पहुंचे। अडिवा इनोवेशंस की ओर से गुरुग्राम के हयात रीजेंसी में प्रतियोगिता आयोजित हुई। प्रतियोगिता के लिए कई चरण हुए। सवाल-जवाब के सीधे राउंड में बॉलीवुड अभिनेत्री महिमा चैधरी ने इंट्रो के बाद डॉ. प्रेरणा गुप्ता से पूछा, डॉक्टर की रूप आपको कोविड के दौरान सकारात्मक क्या लगा? आत्मविश्वास से लबरेज डॉक्टर गुप्ता ने जवाब दिया कि कोविड काल में हमने एक-दूसरे की केयर की है। बतौर मनोचिकित्सक मैंने देखा कि लोगों ने अपनों को खोया लेकिन हिम्मत नहीं हारी। कोरोना से लड़ने के प्रति दृढ़विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सबकी सेवा नहीं करोगे तो किसी की सेवा नहीं करोगे। इस जवाब में डॉक्टर प्रेरणा गुप्ता के सिर मिसेज इंडिया का ताज सज गया।
अडिवा इनोवेशंस के एमडी विनय यादव और डायरेक्टर रितिका विनय ने डॉक्टर प्रेरणा गुप्ता को मिसेज इंडिया क्वीन ऑफ सब्सटेंस 2021 का क्राउन पहनाया। इस आत्मविश्वासी जवाब के आगे यूएसए से आई दांतों की डॉक्टर रेमिया नटराजन फर्स्ट रनर अप तो सेकंड रनर अप के लिए खिताब विंग कमांडर कविता कथूरिया और गगनदीप कौर के बीच टाई हो गया। प्रोग्राम के प्रस्तोता बॉलीवुड अभिनेता अमन वर्मा रहे। मिसेज इंडिया प्रेरणा गुप्ता ईश्वर का भी आभार प्रकट करना नहीं भूलीं। 43 बरस की डॉ. प्रेरणा पेशे से डॉक्टर हैं और टीएमयू हॉस्पिटल में सीनियर मनोचिकित्सक हैं। जयपुर में जन्मीं डॉ. गुप्ता की षादी मुंबई में हुई है। बीकानेर से एमडी डॉ. प्रेरणा गुप्ता दंपत्ति 2009 से तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल में सेवाएं दे रहे हैं। मिसेज इंडिया बनी डॉ. गुप्ता के पति डॉक्टर जिगर हरिया भी टीएमयू हॉस्पिटल में सीनियर फिजिशियन हैं। एक बेटे रियान की मदर डॉ. प्रेरणा की चाह अब मिसेज यूनिवर्स बनने की है। प्रेरणा अपने पेषे के साथ समाज के प्रति अच्छी नजरिया रखती हैं।
डॉक्टर पति और बेटा मिसेज इंडिया चुने जाने पर बहुत खुश हैं। डॉ. हरिया सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि आखिर डॉ. प्रेरणा का सपना पूरा हुआ। डॉ. प्रेरणा गुप्ता इस कामयाबी का श्रेय अपनी परिवार को देती हैं। उन्होंने कुलाधिपति श्री सुरेश जैन और जीवीसी श्री मनीष जैन का मोटिवेशन के लिए शुक्रिया अदा करना नहीं भूलती हैं।
ज्ञात हो कि यह प्रतियोगिता पहले होनी थी लेकिन कोरोना महाकारी के कारण दो बार टल गई। इसका ऑडिशन तो 2019 में हो गया था। इससे पूर्व उन्होंने बर्मा की राजधानी म्यांमार में आयोजित प्रोग्राम में 2015 में भी क्राउन पहनने का खिताब संजोया था। वह फाइनल राउंड में भी पहुंच गई थीं लेकिन मनोचिकित्सक विभाग की ओर से आयोजित कांफ्रेंस के चलते बर्मा नहीं जा पाईं।