पाकिस्तान के आतंकी संगठन हरकत उल अंसार ने गणतंत्र दिवस पर बड़ी साजिश रची थी. यह संगठन 27 जनवरी को बजरंग दल के किसी बड़े नेता की हत्या करने वाला था. इसके अलावा संगठन के निशाने पर शिवसेना और कांग्रेस के नेता भी थे. इस टारगेट किलिंग के लिए संगठन ने जहांगीरपुरी से गिरफ्तार आतंकियों को सुपारी दी थी. पहला टारगेट पूरा होने पर इन आतंकियों को संगठन द्वारा 50 लाख रुपये मिलने वाले थे. यह खुलासा खुद पकड़े गए आतंकियों ने पुलिस की पूछताछ में किया है.
आतंकियों ने दिल्ली पुलिस की पूछताछ में कबूल किया है कि इन वारदातों की तैयारी के लिए उन्हें पहले ही पांच लाख रुपये मिल चुके हैं. यह रकम हवाला के जरिए आई है. आतंकियों ने बताया है कि एक युवक की हत्या का वीडियो संगठन के हैंडलर को भेजने के बाद उन्हें टार्गेट मिल चुका है. जिन नेताओं को संगठन ने टार्गेट पर लिया है, उनके नाम पर पहचान की पूरी जानकारी उन्हें मिल चुकी है. इसके आधार पर उन लोगों ने रैकी भी शुरू कर दी थी, लेकिन वारदात को अमलीजामा पहनाने के लिए सही वक्त का इंतजार किया जा रहा है.
हर टारगेट पर मिलने थे 50 लाख रुपये
आतंकियों ने पुलिस की पूछताछ में स्वीकार किया है कि उनके लिए ना केवल फिक्स टारगेट मिला था, बल्कि हर टारगेट के लिए एक रकम भी तय हुई है. उन्हें पहला टारगेट पूरा होते ही 50 लाख रुपये की राशि मिलने वाली थी. वहीं दूसरा और तीसरा टारगेट पूरा होने पर फिर से 50-50 लाख रुपये की राशि मिलने वाली थी. आतंकियों ने बताया कि यह रकम भी हवाला के जरिए ही उनके पास आने वाली थी. इस खुलासे के बाद पुलिस आतंकी नेटवर्क के साथ ही हवाला नेटवर्क की जड़ें भी तलाशने में जुट गई है.
31 जनवरी को पूरा होना था दूसरा टार्गेट
पुलिस के मुताबिक जहांगीर पुरी से पकड़े गए आतंकियों जगजीत और नौशाद ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि 27 जनवरी को बजरंग दल के नेता की हत्या के बाद दूसरी वारदात 31 जनवरी को होनी थी. इसमें कांग्रेस के एक बड़े नेता की हत्या की जानी थी. यह वारदात ऐसे समय पर अंजाम दिया जाना था जब वह नेता एक देश व्यापी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे. इस टारगेट की सफलता के बाद तीसरा टारगेट शिवसेना के एक नेता की हत्या का था.
भलस्वा डेयरी से बरामद हुए थे हैंड ग्रेनेड
पुलिस के मुताबिक जहांगीर पुरी से गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आतंकियों की निशानदेही पर दिल्ली के भलस्वा डेयरी स्थित एक मकान से एक युवक का शव और दो हथगोले बरामद किए थे. युवक का शव तीन टुकड़ों में था. जांच करने पर पता चला कि आरोपियों ने शव के आठ टुकड़े किए थे. आतंकियों के मोबाइल फोन से बरामद वीडियो को देखकर मामले की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक इस पूरी वारदात के तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ जुड़ गए हैं.
डेमो के लिए भेजा वीडियो
वीडियो देखने से पता चलता है कि आतंकियों ने डेमो की तौर पर युवक की हत्या कर वारदात का वीडियो बनाया था. यह वीडियो कनाडा में बैठे हैंडलर को भेजा है. इसमें आतंकियों ने संदेश देने का प्रयास किया है कि उनके इरादे और भी खूंखार हैं. 37 सेकंड के इस वीडियो से पता चलता है कि आतंकियों ने युवक के शव के तीन नहीं बल्कि आठ टुकड़ों में काटा था.