बिहार के छपरा में जहरीली शराबकांड के मास्टरमाइंड को पुलिस ने दिल्ली से अरेस्ट कर लिया है। नकली शराब बनाने वाले मास्टरमाइंड को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पकड़ा है। अपराधी का नाम राम बाबू है जिसकी आयु 35 वर्ष है। बता दें कि जहरीली शराब पीने के कारण छपरा में 80 से अधिक व्यक्तियों की मौत हो गई थी।
मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने बिहार पुलिस को इसकी खबर दे दी है। आरभिंक रिपोर्ट के अनुसार, अपराधी ने शराब में केमिकल डालकर उसे तैयार किया था जिसे पीने के कारण कई लोगों की जान चली गई थी। छपरा में जहरीली शराब से 80 से अधिक व्यक्तियों की मौत के बाद शासन प्रशासन ने पटना से लेकर सारण-छपरा तक में तोबड़तोड़ छापेमारी की थी। बिहार तो बिहार उत्तर प्रदेश में भी अवैध शराब शराब की भट्टियां तोड़ी गई थी। गैर कानूनी तरीके से बनाई गई हजारों लीटर शराब बहाई गई थी। छपरा के आस-पास गंगा के किनारे नाजायज शराब की भट्टियों को नष्ट किया गया था।
गैर कानूनी देसी शराब का कारोबार करनेवाले धंधेबाज कभी जानबूझ कर शराब को जहरीला नहीं बनाते। बल्कि ये बन जाती है। क्योंकि जहरीली शराब से मौतें भी तय है तथा मौतों से ना केवल उनका धंधा चौपट हो सकता है, बल्कि उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।
असल में धंधेबाज सब चीज़ों को मिला कर पीने लायक इथाइल एल्कोहल बनाना चाहते हैं, मगर ऑक्सीटोसिन, मेथेनॉल एवं यूरिया जैसी चीजें इस इथाइल एल्कोहल को कब मिथाइल एल्कोहल में बदल देती है, बनानेवाले को भी पता नहीं चलता तथा इन्हें धोखे से पीनेवाले लोगों की जान जाने लगती है। जहरीले शराब से होने वाली मौतें केवल एक प्रदेश तक सीमित नहीं हैं। बल्कि बीते 6 वर्षों में अलग-अलग प्रदेशों में 7 हज़ार से अधिक लोग जहरीली शराब के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं।