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कोलकाता : डॉक्टरों का काम पर लौटने से इनकार; सात घंटे चली बैठक के बाद बोले- ये तब तक जारी रहेगा जब तक…

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल (RG Kar Hospital) और मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर (Trainee doctor) के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में जूनियर डॉक्टर (Junior Doctor) फिलहाल अपना विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे। मंगलवार देर रात को हुई बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि भले ही मनोज कुमार वर्मा को कोलकाका का नया पुलिस कमिश्नर बना दिया गया है, लेकिन वे अपना प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे, जब तक कि उनकी सभी मांगे नहीं पूरी हो जातीं।

मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात को शासी निकाय के साथ करीबन सात घंटे चली बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों ने प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक हमारी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, आंदोलन और काम बंद जारी रहेगा। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के साथ नए सिरे से बातचीत की भी इच्छा जाहिर की। आंदोलन कर रहे डॉक्टरों का यह बयान उनकी आम सभा की बैठक के बाद आया। इसमें उन्होंने ममता बनर्जी द्वारा उठाए गए कदमों को अपने आंदोलन की “आंशिक जीत” बताया। बता दें कि डॉक्टरों की बैठक मंगलवार शाम करीब छह बजे शुरू हुई थी जो बुधवार तड़के एक बजे समाप्त हुई।

ये मांगे भी रखीं
जारी बयान में डॉक्टरों ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को हटाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें इस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि दिन निकलने के बाद वे मुख्य सचिव मनोज पंत को एक ईमेल भेजेंगे और दिन में एक और बैठक के लिए सीएम से मिलने का समय मांगेंगे।

आगे उन्होंने अस्पताल परिसर के अंदर डॉक्टरों की सुरक्षा पर भी चर्चा की मांग की। साथ ही कहा कि सुरक्षा के विषय पर चर्चा में यह भी शामिल किया जाए कि सरकार सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा कड़ी करने के लिए आवंटित 100 करोड़ रुपये कैसे खर्च करना चाहती है। इसके अलावा, डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेजों में मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स की तत्काल अधिसूचना की भी मांग की। जिसका वादा सोमवार को ममता बनर्जी के आवास पर हुई बैठक में किया गया था। उन्होंने छात्र निकाय चुनाव कराने और उन संस्थानों के सर्वोच्च नीति-निर्धारक निकायों में जूनियर डॉक्टरों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की भी मांग की।

 

इससे पहले, सोमवार को सीएम ममता बनर्जी ने आंदोलनरत डॉक्टरों के साथ बैठक के बाद पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को हटाने के फैसले की घोषणा की थी। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) देबाशीष हलदर, चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) कौस्तव नायक और कोलकाता पुलिस के उत्तरी डिवीजन के उपायुक्त अभिषेक गुप्ता को भी बैठक के दौरान बनर्जी के वादे के अनुसार हटा दिया गया। इसके बाद मंगलवार को मनोज कुमार वर्मा को कलकत्ता का नया कमिश्नर बनाया गया था।

ममता ने की थी ये अपील
इसके साथ ही ममता बनर्जी ने एलान किया था कि सरकार ने डॉक्टरों की 99 फीसदी मांगे मान ली है। शेष मांगों पर हम विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर तीन लोगों को हटाने की मांग कर रहे थे। इनमें से दो लोगों को पहले ही हटा दिया गया है। सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की अस्पताल के बुनियादी ढांचे के विकास संबंधी सभी मांगें स्वीकार कर लीं है। ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की भी अपील की थी और कहा कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

कल आंदोलनरत डॉक्टरों ने कही थी ये बात
वहीं, सीएम से मुलाकात के बाद आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों की ओर से भी बयान सामने आया था। आंदोलनरत डॉक्टरों ने कहा था कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटाना हमारी नैतिक जीत है। साथ ही उन्होंने काम पर लौटने से इनकार कर दिया था। डॉक्टरों ने कहा था कि उनका प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा हमारी मांगों को पूरा करने का वादा पूरा नहीं हो जाता। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा वे मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का भी इंतजार कर रहे हैं। शीर्ष कोर्ट में सुनवाई करने के बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा।