प्रकृति का आयुर्वेद में बड़ा योगदान है। पत्थरचट्टा एक पौधा होता है और आयुर्वेद के अनुसार इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। इसके गुणों के कारण ही इसे कई नामों से जाना जाता है जैसे एयर प्लांट, कैथेड्रल बेल्स, लाइफ प्लांट और मैजिक लीफ। सदियों से इसका उपयोग किडनी से और मूत्र विकारों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में किया जाता रहा है। आज हम इससे होने वाले कुछ फायदों के बारे में जानेंगे।
पत्थरचट्टा से होने वाले फायदे:-
– पथरी के अलावा यह पेट की सफाई करने और जमा विषैले तत्वों को बाहर निकाल, पेट को स्वस्थ रखने में मददगार होता है। रोचक गुणों से भरपूर होने के कारण यह बवासीर में भी लाभदायक है।
– गुर्दे की पथरी के लिए तो लोग इसको रामबाण मानते हैं। किडनी के रोगी को इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर और ठंडा कर, उसमें शहद मिलाकर दिन में दो बार पिलाना चाहिए।
– यह शरीर के घाव भरने में भी सहायक है। साथ ही पत्थरचट्टा रक्त की शुद्धि कर चर्म रोगों से बचाता है। आप इसके 4-5 पत्तों को पीसकर एक लेप तैयार कर सकते हैं और उसे घाव पर लगाने से आपको तुरंत आराम मिलेगा।
– महिलाओं को अक्सर वेजाइनल इंफेक्शन की शिकायत होती है, जिस वजह से प्राइवेट एरिया में खुजली, जलन के साथ-साथ वेजाइनल डिस्चार्ज भी होता है। ऐसे में पत्थरचट्टा महिलाओं के लिए रामबाण उपाय है।
– वेजाइना में सूजन, जलन, खुजली आदि से निजात पाने के लिए इसके पत्तों को उबालकर काढ़ा बना लें और फिर उसमें शहद डालकर ठंडा कर दिन में दो बार पीएं।