भाजपा में भगदड़ का डैमेट कंट्रोल अभी हो रहा है। आरपीएन सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अनुराग ठाकुर इस मौके पर मौजूद रहे। आरपीएन सिंह के साथ-साथ यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता शशि वालिया, यूपी कांग्रेस प्रदेश सचिव राजेंद्र अवाना ने भी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बीजेपी में शामिल होने से पहले आरपीएन सिंह ने किया है।
इस चर्चा के बीच आरपीएन सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल का बायो बदल दिया है। उन्होंने कोंग्रेस पार्टी से जुड़े पद की जानकारी हटाई है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भी भेज दिया है। आरपीएन सिंह ने ट्वीट किया कि आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं. जय हिंद।
आरपीएन सिंह के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जिन्हें बगैर परिश्रम राजनीति विरासत में मिली है, जो पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण राजनीति में हैं। वे भी जिनकी नजर में राजनीति प्रोफेशनलिज्म है। उनके दलबदल की चिंता बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ऐसे लोगों की वैचारिक प्रतिबद्धताएं अवसर के साथ चलती हैं, बदलती रहती हैं।
आरपीएन सिंह के बीजेपी में जाने के बीच तल्ख टिप्पणियां आनी शुरू हो गयी है। भाजपा से सपा में गये नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने तंज कसते हुए कहा है कि उन्हें तो सपा का कार्यकर्ता भी हरा देगा। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि जिन्होंने सालों से एक चुनाव भी नहीं जीता, वो बीजेपी में जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि बीजेपी आरपीएन सिंह को पडरौना से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ उतारा जा सकता है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनके बीजेपी में शामिल होने से कोई मतलब नहीं है। समाजवादी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता उन्हें पडरौना से हरा देगा। ज्ञात हो कि अभी तक स्वामी प्रसाद मौर्य की सीट तय नहीं हुई है। चुनाव को लेकर मौर्य ने कहा कि उनके पडरौना से लड़ने का आखिरी फैसला अखिलेश यादव लेंगे।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर आरपीएन सिंह पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा है कि जिन्होंने दशकों से एक सीट भी नहीं जीती है वो चुनाव से पहले बीजेपी में जा रहे हैं। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जो लड़ाई कांग्रेस पार्टी लड़ रही है, उसके लिए बहादुरी की जरूरत है। ये विचारधारा का युद्ध है। कोई कायर ही ऐसा कर सकता है कि वो पूरी तरह विपरीत विचारधारा से जुड़ जाये। इस दौर में कांग्रेस को छोड़ना दुखद है।
आरपीएन सिंह झारखंड कांग्रेस के प्रभारी रहे हैं। झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि ये दुख की बात है। कई प्रभारी आते हैं, जाते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता है। हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं। हम यहीं जिएंगे और यहीं मरेंगे। हमें लगता है कि उनका ये फैसला गलत है।
ज्ञात हो कि आरपीएन सिंह पडरौना से तीन बार विधायक रहे हैं। आरपीएन सिंह 2009 में कुशीनगर लोकसभा सीट से सांसद भी चुने गए थे। आरपीएन मनमोहन सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन हार गए थे।