‘ द कश्मीर फाइल्स ‘ (The Kashmir Files) फिल्म (Film) पर जारी विवाद के बीच (In the midst of Controversy)जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former CM) फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा है कि कश्मीर मामले (Kashmir Issue) की सच्चाई को सामने लाने के लिए (To bring out the Truth) सरकार (Government) को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज (Retired Supreme Court Judge) की अध्यक्षता में (Under the Chairmanship) जांच करवानी चाहिए.
भाजपा संसदीय दल की बैठक में कश्मीर के सच और ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तारीफ करने पर प्रतिक्रिया देते हुए हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर सरकार सच को सामने लाना चाहती है तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज से इस पूरी घटना की जांच करवानी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हर फिल्म में अपनी-अपनी कहानी होती है और हर फिल्म सच्ची हो यह जरूरी नहीं है, इसलिए सच सामने लाने के लिए जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, वो कैसे हुआ ? क्यों हुआ ? किसने किया ? इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने जम्मू कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन की भी फाइल खोले जाने की मांग की।
हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हिजाब पहनना या नहीं पहनना व्यक्तिगत मामला है और कई देशों में इसे इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा माना जाता है।
आपको बता दें कि, मंगलवार को नई दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कश्मीर के जिस सत्य को दबाने की कोशिश की गई थी, वह सच ‘द कश्मीर फाइल्स ‘ फिल्म में दिखाया गया है। बैठक में इस फिल्म का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस फिल्म में कश्मीर का सच दिखाया गया है और सभी को यह फिल्म देखनी चाहिए। भाजपा सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह की फिल्में बनती रहनी चाहिए, ताकि सत्य सामने आ सके। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की वकालत करने वाली पूरी जमात इससे बौखला गई है और इसके खिलाफ मुहिम चला रही है, षड्यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने ऐसे समय में लोगों से सच का साथ देने की भी अपील की।