इजरायल और सीरिया के पड़ोस में स्थित देश लेबनान की राजधानी बेरुत में मंगलवार को काफी बड़ा धमाका हुआ. हादसे में करीब 4000 लोग घायल हो गए हैं और अब तक कम से कम 78 लोगों की मौत हो गई है. लेकिन पीड़ितों के आंकड़े अभी बढ़ सकते हैं. धमाके को छोटे परमाणु बम जैसा विस्फोट कहा जा रहा है.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, कहा जा रहा है कि यह धमाका बंदरगाह के पास स्थित उस गोदाम में हुआ जहां कथित तौर से एक जहाज से जब्त किया गया 2750 टन विस्फोटक रखा गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, बेरुत में हुए विस्फोट का आकार हिरोशिमा में किए गए परमाणु बम विस्फोट के पांचवें हिस्से के बराबर था. विस्फोट से करीब 3 किलोटन TNT एनर्जी पैदा हुई.
लेबनान की सरकार का कहना है कि 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट 2014 से ही बंदरगाह पर रखा गया था. धमाका इतना बड़ा था कि करीब 200 किमी दूर तक आवाज सुनाई दी.
लेबनान रेड क्रॉस के प्रमुख ने कहा है कि हम काफी बड़ी तबाही का सामना कर रहे हैं. हर जगह घायल और मृत लोग पड़े हुए हैं.
वहीं, लेबनान के प्रधानमंत्री हसन डिआब ने कहा है कि जो भी लोग इस घटना के जिम्मेदार होंगे उन्हें कीमत चुकानी होगी. उन्होंने देश में 2 हफ्ते की इमरजेंसी का ऐलान किया है.
लेबनान पहले से आर्थिक संकट और कोरोना वायरस से जूझ रहा है. वहीं हादसे के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और विरोधी देश इजरायल ने भी मदद की पेशकश की है.
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बेरुत के धमाके को खतरनाक हमला कहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी जनरल ने उन्हें जानकारी दी कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह किसी तरह का बम था.