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शिक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला -अब बिना स्कूल बैग के 10 दिन स्कूल जायेंगे, छात्र और छात्राएं

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की उप-सचिव सुनीता शर्मा की ओर से नई शिक्षा नीति 2020 के तहत फानइल स्कूल पॉलिसी 2020 सभी राज्यों के शिक्षा सचिव को भेजी गई है। यह पॉलिसी देश के सभी स्कूलों में लागू करनी अनिवार्य होगी। इस पॉलिसी में पहली से 12वीं कक्षा के सभी छात्रों को दस दिन बिना बैग के कक्षा में आना होगा। इस दौरान छठीं से आठवीं कक्षा के छात्रों को वोकेशनल ट्रेनिंग के तहत कारपेंटर, कृषि, गार्डनिंग, लोकल आर्टिस्ट आदि की इंटर्नशिप करवाई जाएगी। जबकि छठीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को ऑनलाइन छुटिट्यों में वोकेशनल कोर्स करवाये जा सकते हैं। इसके अलावा छात्रों को क्विज और खेलकूद से भी जोड़ना है।

 

हालांकि पॉलिसी करने से पहले राज्य इस पर अपने सुझाव भेज सकते हैं। नई स्कूल बैग पॉलिसी में स्कूल और पेरेंट्स की अहम जिम्मेदारी तय की गई है। पहली से दसवीं कक्षा तक के छात्रों को स्कूल बैग छात्र के कुल वजन का दस फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। प्री प्राइमरी के छात्रों के लिए कोई बैग नहीं होगा। हर स्कूल को बैग का वजन जांचने के लिए डिजिटल मशीन लगानी अनिवार्य होगी। उसमें शिक्षक बैग का वजन जांचेंगे। स्कूल बैग हल्के और दोनों कंधो पर लटकने वाले होने चाहिए, ताकि बच्चे आसानी से  उसे उठा सके।

प्री- प्राइमरी     कोई बैग नहीं
पहली कक्षा    1.6 से 2.2 किलो
दूसरी कक्षा    1.6 से 2.2 किलो
तीसरी कक्षा    1.7 से 2.5 किलो
चौथी कक्षा    1.7 से 2.5 किलो
पांचवीं कक्षा    1.7 से 2.5 किलो
छठीं कक्षा    2 से 3 किलो
सातवीं कक्षा    2 से 3 किलो
आठवीं कक्षा    2.5  से 4 किलो
नौंवी कक्षा    2.5 से 4.5 किलो
दसवीं कक्षा    2.5 से 4.5 किलो
11वीं कक्षा    3.5 से 5 किलो
12वीं कक्षा    3.5 से 5 किलो

स्कूलों में मिड-डे-मील देना होगा, ताकि उन्हें लंच न लाना पड़े। साथ ही वाटर बोतल की बजाय स्कूल में स्वच्छ पानी की व्यवस्था करनी होगी। टाइम-टेबल के आधार पर नो बैग का समय निर्धारित करना होगा, ताकि बच्चे उसी आधार पर किताब लाएं। विशेष छात्र (स्पेशल निड फॉर चिल्ड्रन) छात्रों के लिए स्कूल में किताब बैंक रखना होगा, ताकि उन्हें घर से किताब न लानी पड़े।

पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को क्लासवर्क के लिए एक ही नोटबुक प्रयोग करनी होगी। जबकि तीसरी से पांचवीं कक्षा के छात्रों को दो नोटबुक होगी। इसमें से एक वो कक्षा में ही छोड़कर जाएगा। छठीं से आठवीं कक्षा के छात्रों को क्लासवर्क और होमवर्क के लिए खुली फाइल में कागज रखने होंगे। छठीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को बार-बार कागज पर लिखकर उसे गुम करने की बजाय संभालने की आदत सीखानी होगी। छात्रों को एक-दूसरे के साथ किताब शेयर कर पढ़ाई करने की आदत डालनी होगी।