आज यानि 27 नवंबर से 94 साल पुराना लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) बैंक बंद हो गया और इसका विलय डीबीएस बैंक (DBS Bank) में कर दिया गया। लक्ष्मी विलास बैंक पिछले काफी समय से घाटे से जूझ रहा था, ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस बैंक पर काफी पाबंदियां लगाई थीं। पाबंदियों के बाद अचानक आरबीआई ने इस बैंक के विलय की घोषणा कर दी। बता दें कि लक्ष्मी विलास बैंक का विलय बैंक डीबीएस बैंक सिंगापुर (Singapore) का सबसे बड़ा बैंक है। बहरहाल, आज से लक्ष्मी विलास बैंक का अस्तित्व हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।
आज से लक्ष्मी विलास बैंक के शेयर एक्सचेंज से डीलिस्ट हो जाएंगे। इस बैंक के बंद होने से ग्राहकों और कर्मचारियों को लेकर एक बड़ा सवाल है कि उनका क्या होगा। इसको लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रई प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने साफ कर दिया है कि इससे 20 लाख ग्राहकों को राहत मिलेगी। लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहक शुक्रवार को डीबीएस बैंक में जाकर अपना पूरा पैसा निकाल सकते हैं या फिर जमा भी रख सकते हैं। इससे उन्हें कोई नुकसान नहीं मिलेगा।
बता दें कि, लक्ष्मी बैंक पर मुसीबतें तब शुरू हुईं जब इसने लोन देना शुरू किया। बैंक ने रिटेल, MSME और SME को खूब लोन बांटे। बैंक ने लोन तो खूब बांटे लेकिन 2019 में अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट ने RBI को प्रॉम्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) फ्रेमवर्क के तहत कई कड़े कदम उठाने पड़े जिसकी वजह से बैंक को 894 करोड़ रुपए का लॉस हुआ था। पिछली 10 तिमाहियों से बैंक को लगातार नुकसान हो रहा था। सितंबर को खत्म तिमाही में टैक्स पेमेंट के बाद नेट लॉस 396.99 करोड़ रुपए का था। एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक का नेट लॉस 357.18 करोड़ रुपए था।