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भारत और ब्रिटेन के बीच आज होगी मुक्त व्यापार समौझा वार्ता, सामान व लोगों की मुक्त होगी आवाजाही

ब्रिटेन और भारत आज औपचारिक रूप से नई दिल्ली में मुक्त व्यापार समझौता वार्ता शुरू करेंगे. इसमें अरबों पाउंड के द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए अनुमानित के साथ माल और लोगों की मुक्त आवाजाही की मांग की जाएगी. ब्रिटिश सरकार ने इसे ब्रिटेन के कारोबार के लिए एक सुनहरा अवसर बताया है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने कहा कि एक एफटीए भारत के साथ देश की ऐतिहासिक साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाएगा और स्कॉच व्हिस्की, वित्तीय सेवाओं और अत्याधुनिक नवीकरणीय प्रौद्योगिकी को कुछ प्रमुख क्षेत्रों में लाभ के लिए निर्धारित किया गया है.

एक मुक्त व्यापार समझौते के तहत, दो व्यापारिक साझेदार अपने बीच व्यापार किए गए माल की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को कम या समाप्त करते हैं. इसके अलावा, वे सेवा क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को उदार बनाते हैं.

बिट्रिश सरकार ने गुरुवार को भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) वार्ता शुरू करने की घोषणा की. इसे ब्रिटिश कारोबार को रखने का सुनहरा अवसर बताया. वार्ता का पहला दौर अगले सप्ताह शुरू होने की उम्मीद है, जिसके बारे में ब्रिटिश सरकार ने कहा था कि यह शुरुआत के बाद बातचीत करने वाली टीमों के बीच औपचारिक वार्ता की ब्रिटेन की सबसे तेज शुरुआत होगी.

जॉनसन ने कहा, भारत की उभरती अर्थव्यवस्था के साथ एक व्यापार समझौता ब्रिटिश व्यवसायों, श्रमिकों और उपभोक्ताओं के लिए भारी लाभ प्रदान करता है. हम भारत के साथ अपनी ऐतिहासिक साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाएंगे. यूके की इंडिपेंडेंट ट्रेड पॉलिसी देश भर में रोजगार पैदा कर रही है, वेतन बढ़ा रही है और इनोवेशन बढ़ रही है.

आपको बता दें कि भारत मुक्त व्यापार समझौतों के माध्यम से विदेशी बाजारों तक पारस्परिक और न्यायसंगत पहुंच की कोशिश कर रहा है, जिसके लिए देश अपने व्यापारिक भागीदारों के साथ बातचीत कर रहा है. भारत मौजूदा समय में ब्रिटेल के अलावा संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत कर रहा है.

जॉनसन का बयान उनके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार राज्य सचिव ऐनी-मैरी ट्रेवेलियन के रूप में आया. ट्रेवेलियन 15वीं यूके-भारत संयुक्त आर्थिक और व्यापार समिति (JETCO) में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक करेंगे. यूके-इंडिया एन्हांस्ड ट्रेड पार्टनरशिप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और जॉनसन द्वारा पिछले मई में सहमति व्यक्त की गई थी.

भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा

ट्रेवेलियन ने कहा है कि 2050 तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. इसमें करीब 25 करोड़ लोगों का मध्यम वर्ग होगा, जो खरीदारी के लिहाज से एक बड़ा तबका होगा. हम खाद्य और पेय से लेकर सेवाओं और ऑटोमोटिव तक कई उद्योगों में ब्रिटिश उत्पादकों और निर्माताओं के लिए इस विशाल नए बाजार को खोलना चाहते हैं.