रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए औपचारिक आदेश जारी कर दिया है। इस प्रकार सेना में महिला अधिकारियों को बड़ी भूमिकाओं के निर्वहन के लिए अधिकार संपन्न बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। बता दें, उच्चतम न्यायालय ने 17 फरवरी को एक याचिका पर सुनवाई के बाद भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन एवं कमांड पोस्ट दिये जाने का आदेश दिया था और सरकार को अमल के लिए तीन माह का वक्त दिया था। इस मामले को फिर उठाये जाने पर सात जुलाई को सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को एक महीने की मोहलत और दी थी।
रक्षा प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए सराकर ने औपचारिक स्वीकृति पत्र जारी कर दिया है, जिससे महिला अधिकारियों को संगठन में बड़ी भूमिका निभाने का अधिकार मिल गया है। यह आदेश जज एवं एडवोकेट जनरल (जेएजी) तथा आर्मी एजुकेशनल काेर (एईसी) के वर्तमान वर्गों के अतिरिक्त भारतीय सेना के सभी दस वर्गों अर्थात आर्मी एयर डिफेंस (एएडी), सिग्नल्स, इंजीनियर्स, आर्मी एवियेशन, इलेक्ट्रोनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई), आर्मी सर्विस काेर (एएससी), आर्मी आर्डनेंस काेर (एओसी) और इंटेलीजेंट काेर में शॉर्ट सर्विस कमीशंड (एसएससी) महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन (पीसी) देने को मंजूरी दी गयी है।
कर्नल आनंद के अनुसार सेना मुख्यालय ने प्रभावित महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन चयन बोर्ड के गठन एवं संचालन की तैयारी के लिए अनेक कदम उठाये थे। जैसे ही सभी प्रभावित एसएससी महिला अधिकारी अपने विकल्प का उपयोग करेंगी और वांछनीय दस्तावेजों को पूरा करेंगी, चयन बोर्ड अनुसूचित हो जाएगा। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना राष्ट्र की सेवा करने के लिए महिला अधिकारियों सहित सभी कार्मिकों को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।