चीन से सीमा विवाद के बीच वायुसेना राफेल लड़ाकू विमान की क्षमता में बढ़ोतरी करने जा रही है। अब वायुसेना लड़ाकू विमान को फ्रांस की हैमर मिसाइल से लैस करेगी। इस मिसाइल की खासियत यह है कि यह किसी तरह के टार्गेट को 60-70 किमी के बीच ध्वस्त कर सकता है। वायुसेना द्वारा इस प्रक्रिया को इमरजेंसी पावर फॉर एक्वीजीशन गिवेन के तहत कर रही है। इस आदेश के अनुसार रक्षा मंत्रालय के डीएसी विभाग द्वारा भारतीय सेना को यह अधिकार दिया गया है कि वह अपातकालीन हालात में 300 करोड़ के तहत हथियार को तुरंत खरीद सकती है।
सूत्रों के अनुसार, हैमर मिसाइलों के लिए आदेश दिया जा रहा है और फ्रांसीसी अधिकारियों ने राफेल विमान के लिए छोटे से नोटिस पर उनकी आपूर्ति करने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि वायु सेना द्वारा इन मिसाइलों की तत्काल आवश्यकता के मद्देनजर, फ्रांसीसी अधिकारी कुछ अन्य ग्राहकों के लिए मौजूद स्टॉक से मिसाइलों को भारत को देंगे।
हैमर मिसाइल की खासियत
हैमर (हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज) एक मध्यम श्रेणी का एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल है, जिसे फ्रांसीसी वायु सेना और नौ सेना के लिए डियाइन और बनाया गया था। यह मिसाइल पहाड़ी स्थानों सहित किसी भी प्रकार के इलाके में किसी भी बंकर या ठिकानों को ढूंढकर हमला करने में सक्षम है और यह पूर्वी लद्दाख जैसे क्षेत्रों में कारगर होगा। हालांकि वायुसेना के प्रवक्ता ने नए अधिग्रहण से संबंधित घटनाक्रम की पुष्टि या खंडन करने से इनकार कर दिया।
कोरोना के कारण राफेल की डिलिवरी में हुई देरी
बता दें कि 29 जुलाई को 5 राफेल विमान फ्रांस से भारत आ रहे हैं, जिसकी डिलिवरी पहले मई महीने के अंत तक होनी थी, लेकिन भारत और फ्रांस दोनों देशें में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया था। भारत और फ्रांस के बीच हुए समझौते के अनुसार सितंबर 2022 तक 36 राफेल विमान की डिलिवरी होनी है।