विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन के असर को कम करने के लिए योगी सरकार तेजी से काम कर रही है। इसके लिए तमाम तरह के हथकंडे अपना रही है। अलीगढ़ में जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी के शिलान्यास के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बागपत की तीन सड़कों का नाम किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, महेंद्र टिकैत और शूटर के दादी चन्द्रों के नाम पर करने की स्वीकृति दे दी है। इन तीनों सड़कों का नाम रखे जाने की जानकारी मुख्यमंत्री ऑफिस ने ट्वीट कर दी है।
छपरौली-टांडा मार्ग को चौधरीचरण सिंह मार्ग, छपरौली-बरनावा मार्ग को महेंद्र सिंह टिकैत मार्ग और जोहड़ी बिजली घर से बिजवाड़ा रास्ते को शूटर दादी चन्द्रों के नाम पर नामकरण किया गया है। यह स्वीकृति मुख्यमंत्री की तरफ से दे दी गई है। किसान नेताओं और शूटर दादी के नाम पर सड़कों के नामनकरण की घोषणा से लोगों में खुशी है। मुख्यमंत्री 22 सितंबर को ग्रेटर नोएडा में स्मार्त मिहिर भोज की 12 फीट ऊंची प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। जाट वोटरों के साथ ही भारतीय जनता पार्टी गुर्जर समाज को भी साधने में जुटी है। हालांकि राजा मिहिर भोज की प्रतिमा को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है।
करनी सेना मिहिर भोज को गुर्जर सम्राट बताने पर आहत है। करनी सेना का आरोप है कि सरकार इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर रही है। उधर वरिष्ठ पत्रकार अनिल भारद्वाज कहते हैं कि ये बीजेपी का नया दांव है। सीएम योगी आदित्यनाथ जब खुद मूर्ति का अनावरण करेंगे तो गुर्जर समाज में एक संदेश जाएगा जो कि बड़ा वोट बैंक है। बीजेपी संदेशों की राजनीति में माहिर हैं। विधानसभा चुनाव के नजरिये से सड़कों के नाम घोषित हो रहे हैं।