लखनऊ रेल मार्ग पर स्थित सफेदाबाद रेलवे स्टेशन के पीछे टाइमर लगे पांच बम पाए जाने से सनसनी फैल गई। आनन-फानन में पुलिस के बम डिस्पोजल स्क्वायड ने इन्हें निष्क्रिय किया। पुलिस को अनुमान है कि यह बम ट्रायल के लिए यहां लाए गए थे लेकिन यह संभव नहीं हो सका। बम में लगे टाइमर काम नहीं कर रहे थे।
शुक्रवार की दोपहर पुलिस को सफेदाबाद रेलवे स्टेशन के पीछे विस्तृत जंगल में एक क्षेत्रीय युवक ने बम होने की सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स समय जिले के सभी पुलिस के आला अफसर भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। बम डिस्पोजल स्क्वायड के साथ-साथ फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी बुला ली गई। चारों तरफ घेराबंदी कर लोगों को आने जाने से रोक दिया गया। बम डिस्पोजल स्क्वायड में एक-एक कर सभी बम निष्क्रिय कर दिए। इसे निष्क्रिय करने में एक्सपर्ट को 2 घंटे से अधिक का समय लग गया। पांचों बम के अंदर बारूद के साथ-साथ अन्य विस्फोटक सामग्री आधी भरी हुई थीं।
हालांकि पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स का कहना है कि यहां बम नहीं बल्कि बम जैसी चीज पाई गई है। यह कितनी शक्तिशाली थी इसका पता लगाने के लिए निष्क्रिय किए गए बम और उससे मिली सामग्री को प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजा गया है। जहां से रिपोर्ट आने के बाद ही यह पता चल सकेगा की पाई गई बम जैसी वस्तु कितनी शक्तिशाली थी। यह किसका काम हो सकता है इस सवाल पर फिलहाल पुलिस अभी मौन है। लेकिन अधिकारी किसी बड़े आतंकवादी संगठन का हाथ होने की संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं।
साजिश रच रहा है कोई बड़ा गिरोह
बाराबंकी पिछले काफी दिनों से आपराधिक घटनाओं का केंद्र रहा है। मुख्तार अंसारी गिरोह के 10 सदस्य एंबुलेंस प्रकरण में बाराबंकी के ही जिला कारागार में बंद हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि कोई बड़ा गिरोह इस साजिश में शामिल हो सकता है। पुलिस अधीक्षक ने इसके खुलासे के लिए सर्विलेंस और साइबर टीमों के साथ -साथ पुलिस की कई टीमें गठित की हैं। अनुमान यह भी है कि बाराबंकी की बजाय राजधानी को दहलाने के लिए यह साजिश रची जा रही हो.