आचार्य चाणक्य की गिनती श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है। उन्हें एक कुशल राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री के रूप में जाना जाता है। उन्हें विभिन्न विषयों का तो गहराई से ज्ञान था ही साथ ही व्यवहारिक जीवन की भी बहुत अच्छी समझ थी। उन्होंने जीवन को शिक्षा प्रदान करने वाली कई बातों का उल्लेख किया है, जिन्हें चाणक्य नीति का नाम दिया गया है। चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। चाणक्य की नीतियां इतने समय के बाद आज भी मनुष्य का मार्गदर्शन करने का काम करती हैं। चाणक्य नीति के अनुसार हर माता पिता की इच्छा होती है कि उनकी संतान योग्य और आज्ञाकारी बने। माता पिता के लिए इससे बड़ा कोई दूसरा सुख नहीं माना गया है। माता-पिता संतान को कैसे योग्य बना सकते हैं इसके लिए आचार्य चाणक्य ने कुछ बातें बताई हैं। इन बातों को हर माता पिता को जानना चाहिए।
घर का वातावरण- चाणक्य नीति कहती है कि घर के माहौल का सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। इसलिए घर का माहौल हमेशा आदर्श बनाने का प्रयास करना चाहिए। घर के सदस्यों का बर्ताव एक दूसरे के प्रति प्रेम और आदर का होना चाहिए। इन सभी चीजों का बच्चों के मन और मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और रिश्तों और संबंधों के बारे में एक बेहतर सोच विकसित होती है।
महापुरुषों के बारे में बताएं- चाणक्य नीति के अनुसार, बच्चों को महापुरुषों के जीवन के बारे में बताना चाहिए। बचपन में बताई गई इन बातों का बच्चों पर बहुत गहरा असर पड़ता है।
माता-पिता करें आदर्श व्यवहार- आचार्य चाणाक्य के अनुसार, बच्चे सबसे ज्यादा माता-पिता से ही सीखते हैं। इसलिए माता-पिता को आपस में सदैव आदर्श व्यवहार करना चाहिए। भाषा और वाणी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बच्चों के सामने कभी अमर्यादित व्यवहार नहीं करना चाहिए। ये सभी चीजे बच्चों पर बहुत ही बुरा प्रभाव डालती हैं।
सही-गलत का बोध कराएं- चाणक्य नीति कहती है कि बच्चों को सही और गलत का बोध अवश्य कराएं। ऐसा करने से संतान गलत कार्यों से दूरी बनाती है। माता-पिता को बच्चों को अच्छे संस्कार देने का प्रयास करना चाहिए। संस्कार बच्चों को योग्य और आज्ञाकारी बनाते हैं। सफलता में संस्कार की भूमिका अहम मानी गई है।