पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की आज चंडीगढ़ में पेशी के मौके पर, बरनाला से चंडीगढ़ जा रहे अकाली नेताओं को बरनाला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इन नेताओं को थाना धनौला ले जाया गया, जहां उन्होंने पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
विरोध प्रदर्शन और लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का आरोप
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अकाली नेताओं ने थाना धनौला में हल्का भदौड़ के इंचार्ज और वरिष्ठ एडवोकेट सतनाम सिंह राही के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार की इस कार्रवाई को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करार दिया और कहा कि अकाली दल ऐसी दमनकारी नीतियों से डरने वाला नहीं है। यह घटना पंजाब की राजनीति में बढ़ते तनाव को दर्शाती है, विशेषकर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और अकाली दल के बीच।
पुलिस कार्रवाई की निंदा और ‘आप’ सरकार पर आरोप
इस मौके पर जिला अध्यक्ष यादविंदर सिंह बिट्टू दीवाना भी मौजूद थे, जिन्होंने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि अकाली नेता और कार्यकर्ता शांतिपूर्ण ढंग से अपनी आवाज बुलंद करने के लिए चंडीगढ़ जा रहे थे, लेकिन सरकार ने उन्हें गिरफ्तार करके अपनी घबराहट दिखाई है। जिला अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार अकाली दल से डर चुकी है और इसीलिए विरोधी आवाजों को दबाने के लिए ऐसे हथकंडे अपना रही है। यह आरोप AAP सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से काम करने का संकेत देता है।
नजरबंद नेता और आगे की चेतावनी
नजरबंद किए गए अकाली नेताओं में सर्कल अध्यक्ष बेअंत सोनी जागल सहित भारी संख्या में अन्य अकाली नेता और कार्यकर्ता शामिल थे। थाने के अंदर भी अकाली कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी जारी रखी, जिससे पूरे इलाके में राजनीतिक माहौल गरमा गया। अकाली नेताओं ने स्पष्ट किया कि वे बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ खड़े हैं और उन्हें न्याय मिलने तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि वह विरोधी दल को दबाने की कोशिशों से बाज आए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।