पश्चिम बंगाल (West Bengal) के शिक्षक भर्ती घोटाले (teacher recruitment scam) की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने और तेज कर दी है। इस मामले में अब टीएमसी के एक और विधायक माणिक भट्टाचार्य (MLA Manik Bhattacharya) को ईडी ने गिरफ्तार (Arrested) किया है। इससे पहले मंत्री पार्थ चटर्जी को भी अरेस्ट किया गया था और उनके ठिकानों से करोड़ों रुपये की रकम बरामद की गई थी। माणिक भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के चेयरमैन थे। इसी साल जून में कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर उन्हें पद से हटाया गया था। उन पर इस घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे थे, जिसके बाद मामला उच्च न्यायालय पहुंचा और वहीं पर यह आदेश दिए गए।
माणिक भट्टाचार्य टीएमसी के दूसरे विधायक हैं, जिन्हें ईडी ने इस मामले में अरेस्ट किया है। इससे पहले पार्थ चटर्जी को जुलाई में गिरफ्तार किया गया था। वह टीएमसी के सीनियर नेताओं में से एक थे, लेकिन घिरने के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी और मंत्री पद से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। ईडी ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैटों से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम बरामद की थी। बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि माणिक भट्टाचार्य सीबीआई के सामने पेश हों। इसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट चले गए थे, जहां से उन्हें राहत मिली थी। शीर्ष अदालत ने एजेंसी को आदेश दिया था कि अगले किसी निर्णय तक कोई ऐक्शन न लिया जाए।
हालांकि अब ईडी ने उन पर शिकंजा कस दिया है। ईडी एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि भट्टाचार्य को अदालत से जो राहत मिली थी, वह सीबीआई को लेकर थी। लेकिन ईडी अलग एजेंसी है। इसी मामले में ईडी अलग से जांच कर रही है और आर्थिक लेनदेन के मामलों पर उसकी ही नजर है। इसके अलावा अन्य मामलों पर सीबीआई जांच कर रही है। आज माणिक को ईडी की ओर से पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा। बता दें कि इसी साल मई में कलकत्ता हाई कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसके अलावा ईडी को भी इस मामले में शामिल किया गया है। ईडी की ओर से सितंबर में इस केस में पहली चार्जशीट दाखिल की गई थी।