राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को उनकी ‘भटकती आत्मा ‘ वाली टिप्पणी पर बड़ा हमला बोला। पवार ने कहा कि ये भटकती आत्मा पीएम मोदी को हमेशा परेशान करती रहेगी। प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, उससे उनके पद की गरिमा कम हुई है। शरद पवार सोमवार को अहमदनगर में एनसीपी के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित रैली में यह बात बोल रहे थे। पवार ने कहा, “मोदी ने अपने एक चुनावी भाषण में मुझे ‘भटकती आत्मा’ कहा। अच्छा ही हुआ। मोदी के अनुसार, ‘आत्मा’ हमेशा रहती है और इसलिए ‘आत्मा’ उन्हें परेशान करती रहेगी।”
शरद पवार ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या उनके पास प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल के लिए पर्याप्त ‘जनादेश’ है? हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत हासिल करने से चूक गई और केंद्र में नई सरकार बनाने के लिए उसे एनडीए गठबंधन का सहारा लेना पड़ा। भाजपा को लोकसभा चुनाव में 240 सीटें मिली। एनडीए घटकों के साथ यह आंकड़ा 293 तक पहुंचा। पवार ने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। लेकिन, शपथ लेने से पहले क्या उन्हें देश की जनता का जनादेश मिला था? क्या देश की जनता ने उन्हें इसके लिए सहमति दी? उनके (भाजपा) पास बहुमत नहीं था। उन्हें तेलुगु देशम पार्टी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मदद लेनी पड़ी। उनकी वजह से ही वे सरकार बना पाए।’’
आज मोदी की गारंटी नहीं रही
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव के दौरान मोदी प्रचार के लिए जहां भी गए, उन्होंने सरकार को ‘भारत सरकार’ नहीं कहा बल्कि इसे ‘मोदी सरकार, मोदी की गारंटी’ कहा। आज वह मोदी गारंटी नहीं रही। आज मोदी सरकार नहीं रही। आज आपके वोट की वजह से उनको कहना पड़ रहा है कि आज ये मोदी सरकार नहीं है, ये भारत सरकार है। आज आपके वोट की वजह से उनको अलग तरीका अपनाना पड़ रहा है।’’ पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री का पद देश का है, किसी विशेष पार्टी का नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को समाज के सभी वर्गों, जातियों और धर्मों के बारे में सोचना चाहिए।
मुसलमानों पर हमला
पवार ने कहा, ‘‘किसी पीएम को समाज के सभी वर्गों, जातियों और धर्मों के बारे में सोचना चाहिए लेकिन मोदी जी यह करना भूल गए। मुझे लगता है कि उन्होंने यह जानबूझकर किया। मुस्लिम, सिख, ईसाई, सिख, पारसी जैसे अल्पसंख्यक देश का अहम हिस्सा हैं। उन्हें सरकार पर भरोसा होना चाहिए, लेकिन मोदी ऐसा करने में विफल रहे। एक भाषण में उन्होंने एक वर्ग के लोगों के ज्यादा बच्चे पैदा करने की बात कही। यह स्पष्ट है कि उनका आशय मुसलमानों से था।”
चुनाव में कुछ भी बोलने से नहीं चूके पीएम
पवार ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर कुछ बोलने से परहेज नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर सत्ता इन लोगों के हाथ में चली गई तो वे महिलाओं के मंगलसूत्र आदि छीन लेंगे। क्या देश में ऐसी चीजें कभी हुई हैं? मोदी ने यह भी कहा कि अगर विपक्ष सत्ता में आता है तो अगर किसी के पास दो भैंसें हैं तो वे एक भैंस भी ले जाएंगे। क्या किसी प्रधानमंत्री को इस तरह की बातें करनी चाहिए? दूसरों की आलोचना करने के मामले में मोदी ने संयम नहीं अपनाया।’’
सत्ता के लिए बैचेन रहते हैं मोदी
पवार ने मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘उनके कार्यों से पता चलता है कि जब सत्ता वापस पाने की संभावना कम हो जाती है, तो व्यक्ति बेचैन हो जाता है।’’ उन्होंने अपनी पार्टी के भविष्य को लेकर कहा, ‘‘ केवल महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि हमें हरियाणा और झारखंड में भी काम करना होगा, जहां अगले तीन महीनों में चुनाव होने वाले हैं और हमें सरकार बनानी होगी।’’
राम मंदिर का इस्तेमाल राजनीति के लिए सही नहीं
उन्होंने कहा कि लोगों को लगा कि राम मंदिर निर्माण राजनीति में प्रासंगिक होगा लेकिन भाजपा का उम्मीदवार अयोध्या में ही हार गया। पवार ने कहा, ‘‘कल यदि मैं अयोध्या में राम मंदिर जाऊंगा तो इसका इस्तेमाल अपनी राजनीति के लिए नहीं करूंगा। अयोध्या की जनता ने मोदी के गलत कामों को पहचाना और भाजपा उम्मीदवार की हार सुनिश्चित की। ’’