उत्तर प्रदेश की 11 रिक्त हो रही राज्यसभा सीटों के लिए भाजपा में प्रत्याशी चयन का काम अंतिम चरण में है। आज देर शाम तक इनके नामों की घोषणा की जा सकती है। नामांकन करने का अंतिम दिन 31 मई है जबकि मतदान 10 जून को होना है। भाजपा के सहयोगी दल भी अपना एक सदस्य राज्यसभा में भेजने की कोशिश में है पर इस बात की संभावना दिख नही रही है। उत्तर प्रदेश की 11 सीटों में से भाजपा 8 सीटें जीत सकती है। पार्टी के पास इन सीटों के लिए एक दर्जन से ज्यादा प्रमुख नाम चर्चा में है। भाजपा की संभावित सूची में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हदयनारायण दीक्षित, डा लक्ष्मीकांत वाजपेयी, आरपीएन सिंह, डा दिनेश शर्मा, सुरेन्द्र नागर, डा राधा मोहन दास अग्रवाल, शिव प्रताप शुक्ला, प्रियंका रावत,जयप्रकाश निषाद और नरेश अग्रवाल के नाम शामिल है। संजय सेठ को दोबारा राज्यसभा मेंभेजने की संभावना कम दिख रहीहै। जबकि जफर इस्लाम को फिर से राज्यसभा भेजा जा सकता है।
राज्यसभा की खाली होने वाली 11 सीटों में से पिछली बार भाजपा की पांच सपा की तीन बसपा की दो और कांग्रेस की एक सीट थी। इस बार राजनैतिक परिस्थितियां बदली हुई हैं। संख्या बल भाजपा और सपा के ही पास है। सपा पहले ही तीन प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में आठ सीटें भाजपा के खाते में जाना लगभग तय माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि यूपी में राज्यसभा की 11 सीटें खाली होने जा रही हैं, उनमें से 5 अभी भाजपा के पास हैं। जबकि तीन सपा, दो बसपा और एक कांग्रेस के पास सीट है। राज्यसभा के एक उम्मीदवार की जीत के लिए कम से कम 36 विधायकों के वोट की जरूरत होगी। भाजपा गठबंधन के पास 273 विधायक हैं।
सपा गठबंधन की बात करें तो 125 विधायकों के साथ अखिलेश यादव के तीन प्रत्याशी आसानी से जीत हासिल कर लेंगे। वहीं 11वीं सीट के लिए मुकाबला बेहद दिलचस्प होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश से 31 राज्यसभा सदस्यों में भाजपा के पास 22, सपा के पास 5, बसपा के पास तीन और कांग्रेस के पास एक सीट है। रिटायर होने वाले में भाजपा के जफर इस्लाम, शिव प्रताप शुक्ला, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर और जय प्रकाश निषाद शामिल हैं। वहीं, सपा के सुखराम सिंह यादव, विशंभर प्रसाद निषाद और रेवती रमण सिंह भी रिटायर होने जा रहे हैं। बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, अशोक सिद्धार्थ और कांग्रेस के कपिल सिब्बल का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है जो इस बार सपा से उम्मीदवार हैं।