राजस्थान में मची सियासी (Rajastha Political crisis) कलह का असर अब बीजेपी विधायकों (BJP MLAs) पर भी पड़ने लगा है. ऐसे में कहीं न कहीं अब देश की सबसे बड़ी पार्टी को भी अपने विधायकों को खो देने का डर सताने लगा है. साथ ही ये डर अब इतना ज्यादा बढ़ गया है कि बीजेपी, सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) से अपने सभी विधायकों को दूर रखना चाहती है. क्योंकि भाजपा को ऐसा लगता है कि कहीं उनके विधायकों को कांग्रेस प्रभावित न कर दे. यही कारण है कि अब विपक्ष ने अपने विधायकों की बाड़ाबंदी करनी शुरू कर दी है. लेकिन इसी बीच सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी की माने तो सीएम गहलोत ने नया खेल खेलते हुए बीजेपी के 40 विधायकों से संपर्क साधा है. हालांकि इससे पहले लगातार बीजेपी की ओर से ये बयान दिया जा रहा था कि कांग्रेस अपने विधायकों को बांधने की कोशिश कर रही है. लेकिन गहलोत की चालाकी को देखते हुए बीजेपी खुद अपने विधायकों की बाड़ाबंदी करने पर मजबूर हो गई है. जिसके कारण अब राजनीति और गरमा गई है.
राजस्थान की सियासत में इस समय जैसे भूचाल आया हुआ है, जो शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है. जिसका असर अब बीजेपी पर तेजी से पड़ने लगा है. दरअसल विधायकों की कहीं खरीद-फरोख्त न शुरू हो जाए इसी के डर से भाजपा ने अपने सभी विधायकों को धीरे-धीरे गुजरात के लिए रवाना करना शुरू कर दिया है. दरअसल इस समय बीजेपी पार्टी अपने विधायकों को गुजरात के पोरबंदर में ठहरा रही है. हालांकि खबर है कि इस बाड़ेबंदी में सभी विधायकों को तो नहीं भेजा जा रहा है. लेकिन दक्षिण राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाके की तरफ के और गुजरात सीमा से सटे जालोर-सिरोही जिले के सभी विधायकों को गुजरात भेज दिया गया है.
इतना ही नहीं जयपुर से विशेष चार्टर विमान में उन 6 बीजेपी विधायकों को गुजरात के पोरबंदर में भेजा गया है जिनसे गहलोत कैंप ने सीधा संपर्क करने का प्रयास किया है. बताया जा रहा है कि अब तक 23 विधायकों को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है. इनमें से कुल 18 को पोरबंदर के लिए रवाना किया गया है. बीजेपी सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी की माने तो, 40 ऐसे विधायक हैं जिनसे गहलोत कैंप ने संपर्क कर अपने पक्ष में शामिल कराने की कोशिश की है.
सूत्रों के मुताबिक राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया की तरफ से गहलोत सरकार पर ये आरोप लगाया जा रहा है कि वो अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहे हैं. इतना ही नहीं बल्कि कई विधायकों को अपने पक्ष में वोट दिलवाने के लिए उन्हें परेशान भी किया जा रहा है. यहां तक कि उन विधायकों को कानूनी दांव-पेंच में फंसाने की धमकी दी जा रही है. खरीद फरोख्त करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. यही कारण है जिसके चलते बीजेपी ने इतना बड़ा फैसला किया है. इसके साथ ही पूनिया ने ये भी बताया है कि इस बारे में उनकी 45 विधायकों से बातचीत हो चुकी है जिसका वक्त आने पर वो जरूर खुलासा करेंगे.