मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर की सभी 6 सीटों पर वर्ष 2017 में अपनी जीत का परचम लहरा चुकी भाजपा इस बार केवल खतौली एवं सदर विधानसभा सीट को ही बचाने में सफल रही है। उधर शामली में जनपद की सभी तीनों सीटों पर मिली हार से भाजपा का सफाया हो गया है। मौजूदा बीजेपी जिला अध्यक्ष दोनों ही जनपदों में अपना करिश्मा दिखाने में असफल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव की मतगणना में भारतीय जनता पार्टी जनपद मुजफ्फरनगर की 6 में से केवल 2 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी है। वर्ष 2017 में हुए चुनाव के दौरान जनपद की सभी 6 सीटों पर अपनी जीत का परचम लहराने वाली भाजपा इस बार दोबारा से अपने पहले प्रदर्शन को दोहराने में असफल रही है। भारतीय जनता पार्टी को केवल खतौली विधानसभा सीट के अलावा सदर विधानसभा सीट पर कामयाबी हाथ लगी है। खतौली विधानसभा सीट भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्वयं किए गए डैमेज कंट्रोल के बाद बीजेपी के हाथ लगी है। खतौली विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक विक्रम सिंह सैनी शुरूआती दौर में बुरी तरह पिछडने के बाद गठबंधन उम्मीदवार राजपाल सैनी को अंतिम दौर में हराकर विधानसभा में पहुंचने में सफल हुए हैं। वर्ष 2017 में विक्रम सैनी ने जनपद में सबसे बडी जीत हासिल की थी।
सदर विधानसभा सीट पर राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने लगातार तीसरी बार पार्टी की जीत का परचम लहराया है। जबकि चरथावल विधानसभा सीट पर भाजपा की उम्मीदवार सपना कश्यप को गठबंधन प्रत्याशी पंकज मलिक के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा है। पुरकाजी विधानसभा सीट पर शुरू से ही विरोध झेल रहे भाजपा प्रत्याशी प्रमोद ऊंटवाल को पूर्व विधायक गठबंधन प्रत्याशी अनिल कुमार के हाथों हार झेलनी पड़ी है। मीरापुर विधानसभा सीट पर भी गठबंधन उम्मीदवार चंदन सिंह चौहान के हाथों भाजपा के पैराशूट प्रत्याशी प्रशांत चौधरी चुनाव हारकर वापस गाजियाबाद चले गए हैं। बुढाना विधानसभा सीट भी भाजपा के हाथ से निकल गई है और यहां पर मौजूदा एमएलए एवं बीजेपी प्रत्याशी उमेश मलिक रालोद प्रत्याशी राजपाल बालियान के हाथों हार झेलने को विवश हुए हैं। इसी तरह पड़ोसी जनपद शामली में भी बीजेपी का विधानसभा सीटों के मामले में एक तरह से सफाया सा हो गया है। शामली विधानसभा सीट पर तेजेंद्र निर्वाल, कैराना विधानसभा सीट पर बीजेपी की मृगांका सिंह और थानाभवन विधानसभा सीट पर योगी सरकार में गन्ना मंत्री सुरेश राणा गठबंधन उम्मीदवार के सामने हार गए हैं।