मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने गुरुवार को तमिलनाडु सरकार (Tamilnadu Govt.) के उस कानून (Law) को बरकरार रखा (Upholds), जिसमें मेडिकल कॉलेज में दाखिले (Medical College Admission) में सरकारी स्कूलों के छात्रों (Government School Students) के लिए 7.5 फीसदी सीटें आरक्षित (7.5 percent Reservation) की गई थीं। कोर्ट ने कहा कि कानून वैध है और सरकार के पास आरक्षण देने का अधिकार है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि पांच साल बाद आरक्षण की समीक्षा की जानी चाहिए। यह मामला सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों की ओर से दायर किया गया था।फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि कानून उचित आंकड़ों और चर्चा के आधार पर लाया गया था।
स्टालिन ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए 10 महीने में द्रमुक सरकार की यह तीसरी जीत है। सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए आरक्षण अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा लाया गया था। स्टालिन ने यह भी कहा कि द्रमुक सरकार ने सरकारी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और प्रमुख स्व-वित्तपोषित कॉलेजों में इंजीनियरिंग / कृषि / मत्स्य पालन / पशु चिकित्सा पाठ्यक्रमों में 7.5 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए एक कानून पारित किया है।