हमारे भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जो प्राचीन समय के हैं ओर उनके इतिहास को जाने के बाद बड़ी हैरानी भी होती है। वहीं ऐसे भी मंदिर हैं, जो अपने आप में एक रहस्य हैं। इन रहस्यों की वजह से ही ये मंदिर भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में विख्यात हैं। कुछ अपने बनावट को लेकर फेमस हैं, तो कुछ मंदिर घटने वाली अजीबोगरीब घटनाओं के कारण विश्व में फेमस हैं। हम आपको आज एक ऐसे ही मंदिर के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो अपने आप में अनोखा मंदिर है। यह मंदिर साल में केवल पांच घंटे के लिए ही खुलता है। यहां महिलाओं के लिए भी कई नियम हैं।
असल में, हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं निरई माता मंदिर की। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद के एक पहाड़ी पर बना है। निरई माता के मंदिर की खास बात यह है कि यहां सिंदूर, सुहाग, श्रृंगार, कुमकुम, गुलाल, बंदन नहीं चढ़ाया जाता बल्कि नारियल और अगरबत्ती से ही मां को प्रसन्न किया जाता है।
ज्यादातर मंदिरों में दिन भर देवी-देवताओं की पूजा होती है, तो वहीं निरई माता के मंदिर में चैत्र नवरात्रि में महज एक दिन ही सुबह 4 बजे से 9 बजे तक माता के दर्शन किए जाते हैं। बाकी दिनों में यहां आना वर्जित है। जब भी यह मंदिर खुलता है, यहां माता के दर्शन के लिए हजारों संख्या में लोग पहुंच जाते हैं। कहा जाता है कि निरई माता मंदिर में हर साल चैत्र नवरात्र के दौरान चमत्कारिक ज्योति प्रज्जवलित होती है। यह चमत्कार कैसे होता है, यह आज तक कोई नहीं जान पाया है।
ग्रामीणों के अनुसार यह निरई माता का ही चमत्कार है कि बिना तेल के ज्योति नौ दिनों तक जलती है। निरई माता मंदिर में महिलाओं का प्रवेश करना और पूजा-पाठ की अनुमति नहीं है। यहां केवल पुरुष ही पूजा-पाठ कर सकते हैं। बता दें कि महिलाओं के लिए इस मंदिर का प्रसाद खाना भी मना है। कहा जाता है कि महिलाएं यदि मंदिर का प्रसाद खा लें, तो उनके साथ कुछ न कुछ अनहोनी घाट जाती है।