इंदौर के डीआईजी ऑफिस के बाहर एक 16 साल की लड़की ने आत्महत्या करने की कोशिश की है, जिसके बाद वहां के कुछ लोगों ने उसे बचाया. दरअसल, बताया जा रहा है किशोरी काफी समय से छेड़छाड़ से परेशान है और अब वो उसके साथ गंदा काम कर उसकी वीडियो वायरल करने की बात कर रहे हैं. साथ ही पुलिस ने भी उसकी शिकायत दर्ज नहीं की. नाबालिग का आरोप है पलासिया पुलिस ने छेड़छाड़ का केस दर्ज नहीं किया, जबकि पुलिस इस आरोप को गलत बता रही है.
सामने आ रही है खबरों की माने तो, इस घटना के बाद महिला थाने में नाबालिग की शिकायत पर छेड़छाड़ और मारपीट के केस को दर्ज कर लिया गया है. साथ ही पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है. पलासिया की रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी शुक्रवार दोपहर डीआइजी ऑफिस पहुंची, जहां उसने करोसीन निकालकर खुद पर उंडेल लिया और जोर-जोर से चिखने-चिल्लाने लगी. इसके बाद वहां मौजूद लोगों और पुलिसकर्मियों ने उसके हाथ से केरोसीन छीनी और उसको काफी समझाया.
नाबालिग लड़की का आरोप है कि नितिन सोनकर, विकास सोनकर, यश सोनकर और शुभम सोनकर के रहने वाले आए दिन उसके साथ छेड़छाड़ करते हैं और उसके साथ गंदा काम कर वीडियो वायरल करने की धमकी देते हैं. इससे परेशान आकर लड़की ने अपनी मां को इस बारे में बताया. मामा समझाने गए तो लड़को मे उनके साथ मारपीट की. लड़की आगे बताती है कि मुझे और मां से भी मारपीट की. इसके बाद नानी के घर आकर भी चारों ने छेड़छाड़ की. धमकी दी कि शिकायत की तो खत्म कर देंगे. चारों की धमकियों और छेड़छाड़ से परेशान होकर मैंने स्कूल जाना बंद कर दिया. कई बार शिकायत करने पलासिया थाने गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. वहीं इस बारे में बता करते हुए पलासिया टीआइ संजय बैस ने बताया कि दोनों परिवार के बीच विवाद है. मारपीट भी हुई थी. पहले कभी नाबालिग ने छेड़छाड़ की शिकायत नहीं की. शिकायत नहीं सुनने की बात गलत है.