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बुधवार के दिन इन उपायों को करने से बच्चों का लगेगा पढ़ाई में मन, नहीं आएगी कोई बाधा

कोरोना के कारण बीते दो सालों से स्कूल बंद चल रहे हैं और बच्चे घर पर ही रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. बच्चों की इन दिनों हर क्लास ऑनलाइन ही हो रही हैं. एक लंबे समय अंतराल के बाद बच्चों का घर पर ही रहकर पढ़ाई करने से कुछ अभिभावकों को काफी दिक्कतें और शिकायतें भी हैं. उनका कहना है कि घर में पढ़ाई का वो माहौल नहीं होता, जो स्कूल में होता है, जिसके कारण बच्चों का मन पढ़ाई में कम लगता है. अभिभावकों की इस समस्या के बारे में ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि आखिर किस तरह से इस दिक्कत को दूर किया जा सकता है, आइए आज के इस आर्टिकल में जानते हैं.

विद्या का महत्व

जीवन में विद्या बहुत जरूरी है. विद्या के बिना जीवन संभव नहीं होता है. जीवन में भरे अंधकार को विद्या के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है और जीवन में नई प्रकाश की किरण लाई जा सकती है. इसीलिए बड़े बुजुर्गों का कहना है कि विद्या को हमेशा गंभीरता से लेना चाहिए और पढ़ाई लिखाई में ढ़िलाई नहीं बरतनी चाहिए. हिंदू पंचाग के अनुसार 07 जुलाई 2021, बुधवार को आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. इस तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है.

बुधवार के दिन करें उपाय

बुधवार का दिन भगवान गणेश का होता है और शिव जी की पूजा करना भी इस दिन काफी शुभ माना जाता है. गणेश जी को सभी देवों में सर्वप्रथम रखा गया है. बुधवार के दिन विद्या और बुद्धि के दाता भगवान गणेश जी की पूजा करने से भगवान बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं. इसी के साथ आज यानि की बुधवार को भगवान शिव की पूजा का भी विशेष संयोग बना हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन प्रदोष व्रत है और ये दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. पुत्र गणेश जी अपने पिता शिव जी की पूजा करने से वो खुश होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. आज के दिन कुछ उपायों को करने से विद्या प्राप्त करने में जो भी कठिनाईया आती है, वो दूर हो जाती है.

ये रहे उपाय–

– बुधवार के दिन नहाने के बाद सबसे पहले गणेश जी की पूजा अर्चना करनी चाहिए.
– गणेशी जी की जो भी चीजें प्रिय हैं, उनका भोग लगाना चाहिए.
– गणेश जी को दूर्वा घास चढ़ानी चाहिए.
– इस दिन पूजा करते समय गणेश जी को सूखें सिंदूर से तिलक लगाएं.
– गणेश जी की ध्यान करें और आरती का पाठ करें.
– 108 बार गणेश मंत्र का जाप करें. ये रहा वो मंत्र ”ॐ गं गणपतये नमः”