एक साक्षात्कार में इंडोनेशिया (Indonesia) के राष्ट्रपति जोको विडोडो (President Joko Widodo) ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) दोनों इस साल के अंत में बाली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में भाग लेने की योजना बना रहे हैं. विडोडो ने कहा कि ‘शी जिनपिंग आएंगे. राष्ट्रपति पुतिन ने भी मुझसे कहा है कि वह आएंगे.’ दोनों बड़े देशों के अमेरिका से चल रहे तनाव के बीच ऐसा पहली बार है, जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने G20 शिखर सम्मेलन के संबंध में शी और पुतिन के भाग लेने की पुष्टि की है.
रूस पर यूक्रेन के युद्ध की घोषणा के बाद यह पहला मौका होगा, जब शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य यूरोपीय नेताओं के साथ पहली बार आमने-सामने बातचीत करेंगे. साथ ही ताइवान पर नैंसी पेलोसी के बाद लगातार बिगड़े चीन और अमेरिका के रिश्तों के बीच जो बाइडेन, चीनी राष्ट्रपति से मिलेंगे. जिनपिंग के अलावा बाइडन दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से भी पहली बार मिलेंगे.
जेलेंस्की और पुतिन का होगा आमना-सामना
युद्ध के बाद से यह पहला मौका होगा जब G20 शिखर सम्मेलन में पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से आमना-सामना होगा. घटनाक्रम से परिचित क्रेमलिन के एक अधिकारी ने कहा कि पुतिन की व्यक्तिगत रूप से बैठक में भाग लेने की योजना है. सम्मेलन में शीर्ष नेताओं की शिरकत करने की खबर पर विडोडो ने कहा कि वह चाहते हैं, ‘यह क्षेत्र स्थिर, शांतिपूर्ण हो, ताकि हम आर्थिक विकास का निर्माण कर सकें. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि केवल इंडोनेशिया ही नहीं एशियाई देश भी यही चाहते हैं.’ विडोडो के मुताबिक बड़े देशों के बीच प्रतिद्वंद्विता वास्तव में चिंताजनक है.
ये बात ध्यान रखने वाली है कि यह बैठक अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की यात्रा पर चीन के आक्रोश से उत्पन्न ताइवान संकट की पृष्ठभूमि में हो रही है. पेलोसी ने इस अगस्त की शुरुआत में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ ताइपे का दौरा किया था, जिसके बाद चीन ने ताइवान स्ट्रेट के आसपास सैन्य अभ्यास की घोषणा की थी. हाल ही में चीन ने अमेरिकी हाउस स्पीकर पर प्रतिबंधों की घोषणा भी की है.