नेपाल (Nepal) में भीषण विमान हादसे (Terrible plane crash) में जान गंवाने वालों के परिजन तीन दिनों से अस्पताल में डेरा जमाए हुए हैं, शनिवार को भी चार मृतकों (four dead) के परिवार के सदस्य शव लेने का इंतजार (waiting for dead body) कर रहे हैं। नेपाली अधिकारियों ने मंगलवार को पोखरा शहर (Pokhara City) में यति एयरलाइंस (Yeti Airlines) के विमान के 72 लोगों के साथ दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मारे गए लोगों के शवों को परिवार के सदस्यों को सौंपना शुरू कर दिया।
दुर्घटनाग्रस्त विमान में 53 नेपाली यात्री और पांच भारतीयों सहित 15 विदेशी नागरिक और चालक दल के चार सदस्य सवार थे। कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के सभी पांच भारतीयों की पहचान अभिषेक कुशवाहा, 25, विशाल शर्मा, 22, अनिल कुमार राजभर, 27, सोनू जायसवाल, 35 और संजय जायसवाल के रूप में हुई है। संजय जायसवाल का शव शुक्रवार को उनके परिवार को सौंप दिया गया।
हालांकि, चार अन्य भारतीय नागरिकों के परिजन अपने परिजनों के शव लेने के लिए तीन दिन से इंतजार कर रहे हैं। सोनू जायसवाल के पिता राजेंद्र प्रसाद जायसवाल शव लेने के लिए त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में इंतजार कर रहे रिश्तेदारों में शामिल थे।
एक रिश्तेदार ने कहा कि वे भारतीयों के चारों शवों को एक ही खेप में वापस लेना चाहते हैं। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि शनिवार को विशाल शर्मा के शव की शिनाख्त हुई। अस्पताल ने शुक्रवार को 49 शवों का पोस्टमॉर्टम किया। पोखरा में 22 नेपाली नागरिकों के शव उनके परिजनों को सौंपे गए हैं।
वहीं एक भारतीय नागरिक सहित कुल 12 शवों को शुक्रवार को उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया था, वहीं शनिवार को अस्पताल के अधिकारियों ने 15 और शवों को परिजनों को सौंप दिया। शवों की शिनाख्त में जुटे एक डॉक्टर के मुताबिक, परिजनों ने जो संकेत दिए थे, वे शवों की शिनाख्त के लिए पर्याप्त नहीं थे। डॉक्टर ने कहा, “हम रविवार को शवों के उंगलियों के निशान को सत्यापित करने की कोशिश करेंगे।