माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों के भीतर धरती पर कोई संकट आने वाला है। असल में, अगले कुछ दिनों के अंदर मिस्र की पिरामिड और पेरिस के एफिल टावर से भी बड़े-बड़े आठ क्षुद्रग्रह (Asteroid) धरती की तरफ बढ़ रहे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ के एट्रोरॉयड ट्रेकर में ये पता चला है। ये क्षुद्रग्रह 15 अक्टूबर से 29 नवंबर के बीच धरती तरफ बढ़ेंगे। नासा ने इन क्षुद्रग्रहों के ‘संभावित रूप से खतरनाक वस्तु’ (Potentially Hazardous Objects) बताया है। इन क्षुद्रग्रहों का आकार 140 मीटर से बड़ा है। नासा की रिपोर्ट के अनुसार ये सभी क्षुद्रग्रह ‘अपोलो क्लास’ के हैं। यानी ये सूर्य की कक्ष में भ्रमण कर रहे हैं और ये धरती के कक्ष को पार कर सकते हैं।
सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह
इन क्षुद्रग्रहों में जो सबसे बड़ा है उसका आकार 380 मीटर है। यह मिस्र की पिरामिड से भी काफी बड़ा है। इसका आकार लगभग 38 मंजिला इमारत जितना है।
दो दिन बाद आएगा पहला एस्ट्रोरॉयड
15 अक्टूबर को पहला एस्ट्रोरॉयड, जिसका नाम 2021 एसएम3 रखा गया है, धरती को पार करेगा। इसका आकार 72 से 160 मीटर के लगभग है। यह आकार में मिस्र के पिरामिड से भी बहुत बड़ा है।
20 अक्टूबर को आएगा दूसरा क्षुद्रग्रह
पहले क्षुद्रग्रह के गुजरने के सिर्फ पांच दिन बाद ही दूसरा क्षुद्रग्रह गुजरेगा। इसका नाम 1996 वीबी3 दिया गया है। इसका आकार भी 100 से 230 मीटर के बीच का बताया जा रहा है। यह क्षुद्रग्रह धरती के बहुत नजदीक से गुजरेगा। धरती से इसकी दूरी लगभग 32 लाख किमी रहने की संभावना है।
25 अक्टूबर को भी गुजरेगा क्षुद्रग्रह
एक बार फिर 25 अक्टूबर को क्षुद्र ग्रह गुजरेगा। इस क्षुद्रग्रह का आकार 90 मीटर से 200 मीटर के बीच है। इस क्षुद्रग्रह का नाम 2017 एसजे20 है। यह 25 अक्टूबर को धरती से नजदीक 71 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा।
इसके अलावा नवंबर में 13, 20, 21 और 29 जून को भी क्षुद्रग्रह धरती के नजदीक से गुजरेंगे। 13 नवंबर को धरती से नजदीक 42 लाख किमी की दूरी से एक क्षुद्रग्रह गुजरेगा। इस क्षुद्रग्रह का नाम 2004 यूई है। आकार में यह बहुत बड़ा है। इसका आकार 170 से 380 मीटर के बीच है।
इससे ठीक एक हफ्ते के बाद 20 नवंबर को फिर से दूसरा एस्ट्रोरॉयड धरती के पास से गुजरेगा। इसका नाम 2016 जेजी12 है। अनुमान है कि यह धरती से पास से 55 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा। इसका आकार 190 मीटर है।
21 मई को फिर एक क्षुद्रग्रह धरती को पार करेगा। इसका नाम 1982 एचआर दिया गया है। इसका आकार 300 मीटर का है और इसके धरती से पास से 57 लाख किमी की दूरी से गुजरने की संभावना जताई जा रही है। 29 नवंबर को आठवां क्षुद्रग्रह गुजरेगा। इसका नाम 1994 डब्ल्यूआर12 है। इसका आकार 92 से 210 मीटर के बीच रहने की संभावना जताई जा रही है। यह धरती से पास 61 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा।
वैसे इनमें से किसी भी क्षुद्रग्रह के धरती से टकराने की संभावना नहीं जताई जा रही है। नासा की एक रिपोर्ट के अनुसार अभी से लेकर 2300 तक धरती के नजदीक 1750 में से सिर्फ एक क्षुद्रग्रह के धरती से टकराने की संभावना है।