एक ओर देश में बीते तीन दिन से कोरोना (corona) के दैनिक मामले तीन लाख से कम सामने आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर दैनिक संक्रमण दर (infection rate) अभी भी गंभीर बनी हुई है। स्थिति यह है कि देश में अब 403 से बढ़कर 407 जिले रेड जोन (red zone) में तब्दील हुए हैं। दैनिक मामलों में उतार-चढ़ाव देखने के बाद भी संक्रमण से मरने वालों की संख्या में कमी नहीं आ रही है।
बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने जानकारी दी है कि पिछले एक दिन में 2,86,384 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इस दौरान 14.62 लाख सैंपल की जांच की गई थी जिनमें 19.59 फीसदी कोरोना संक्रमित मिले। जबकि इससे पहले 26 जनवरी को 2,85,914 लोग संक्रमित मिले थे। तब 17.69 लाख सैंपल की जांच में 16.16 फीसदी संक्रमित मिले।
बीते दो दिन में दैनिक संक्रमण दर करीब साढ़े तीन फीसदी बढ़ी है। इसके अलावा पिछले एक दिन में 3.06 लाख रोगियों को छुट्टी दी गई लेकिन इस दौरान 573 लोगों की मौत भी दर्ज की गई। जबकि बुधवार को 659 लोगों की मौत हुई थी। बीते छह दिन से देश में रोजाना 500 से अधिक लोगों की मौतें हो रही हैं।
181 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर पांच फीसदी से नीचे
फिलहाल देश में सक्रिय मामले यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 22.02 लाख है। महामारी की शुरुआत से अब तक देश में करीब 4.03 करोड़ लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। रोजाना के नए मामलों में महज 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी के बावजूद दैनिक संक्रमण दर में करीब 3.43 फीसदी की बढ़ोतरी चिंता का विषय है। हालांकि एक राहत यह भी है कि देश के 181 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर पांच फीसदी से नीचे है। आंकड़ों के अनुसार देश में अब तक कोरोना के कुल मामले 4,03,71,317 हुए हैं जिनमें 3,76,65,980 रोगी ठीक भी हुए लेकिन 4,91,701 लोगों की अब तक संक्रमण से मौत हुई है। जबकि गैर सरकारी आंकड़ा इससे कहीं अधिक बताया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना की सक्रिय दर 5.55 फीसदी तक पहुंच गई है।
छह महीने में देनी होगी टीके की रिपोर्ट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव कुमार अग्रवाल ने बताया कि न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल रूल्स 2019 के तहत कोविशील्ड और कोवाक्सिन को नियमित विपणन की मंजूरी दी गई है। इसमें एक शर्त यह भी है कि फॉर्मा कंपनियों को छह महीने में एक बार टीकाकरण से जुड़ी रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी जिसमें प्रतिकूल घटनाओं से लेकर अन्य तरह की गतिविधियां शामिल हैं। अभी तक यह दोनों वैक्सीन आपात कालीन इस्तेमाल की श्रेणी में थीं जिसके तहत हर 15 दिन में ऐसी रिपोर्ट फॉर्मा कंपनियों को उपलब्ध करानी होती थी।
अब 75 फीसदी जीनोम सीक्वेंसिंग में मिल रहा है ओमिक्रॉन
बृहस्पतिवार को प्रेस कान्फ्रेंस में डॉ. सुजीत ने बताया कि अब 75 फीसदी जीनोम सीक्वेंसिंग में ओमिक्रॉन मिल रहा है लेकिन डेल्टा और दूसरे वैरिएंट भी काफी मौजूद हैं। इनकी वजह से मरीज अस्पतालों में भर्ती तक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ ओमिक्रॉन के आधार पर मरीज में हल्का असर होने की संभावना के साथ इलाज नहीं किया जा सकता है। कोरोना संक्रमित मरीज में ओमिक्रॉन भी हो सकता है या फिर डेल्टा वैरिएंट भी।
पिछले साल दूसरी लहर के दौरान भारत ने डेल्टा वैरिएंट का काफी गंभीर असर देखा था। आंकड़ों का हवाला देते हुए निदेशक ने बताया कि दिसंबर माह में 1292 सैंपल में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई थी लेकिन अब 9,672 सैंपल में यह स्वरूप मिला है। इसी तरह दिसंबर माह में 17,272 सैंपल में डेल्टा और उससे जुड़े उप वैरिएंट भी मिले थे जोकि इस माह में 4789 सैंपल में दिखे। इनमें से 1578 सैंपल में सिर्फ डेल्टा वैरिएंट ही मिला है। उन्होंने बताया कि ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ओमिक्रॉन और डेल्टा दोनों ही असर दिखा रहा है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट में ही दो नए म्यूटेशन
एनसीडीसी के अनुसार ओमिक्रॉन में दो नए म्यूटेशन हुए हैं। यह बाकी देशों में भी मिल चुके हैं। इनमें से एक बीए.1 और दूसरा बीए.2 है। दिसंबर माह में जब विदेशों से संक्रमित होकर यात्री भारत आ रहे थे तब उनमें बीए.1 म्यूटेशन मिल रहा था लेकिन अब भारत में सामुदायिक स्तर पर बीए.2 म्यूटेशन मिल रहा है।
95 फीसदी आबादी को पहली खुराक
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि देश में अब तक 95 फीसदी व्यस्क आबादी को पहली और 72 फीसदी को दूसरी खुराक देकर टीकाकरण पूरा कर लिया है। हालांकि अभी भी एक बड़ी आबादी वैक्सीन से दूर है।