सऊदी अरब में दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको है जिसपर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया गया है। सऊदी अरब पर आठ बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन से हमला किया गया है। जिसके बाद खाड़ी देशों में युद्ध जैसे हालात बन गये हैं। सऊदी अरब और यमन में मौजूद हूती विद्रोहियों के बीच खतरनाक जंग जारी है। पिछले हफ्ते सऊदी अरब की राजधानी रियाद पर रॉकेट हमला करने के बाद अब यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको को निशाना बनाया है। इस हमले के बाद आरामको पूरी तरह धू-धू जल रहा है और चारों तरफ आगे के गोले दिखाई देने लगे। हर तरफ सिर्फ धुंआ ही धुंआ पसरा हुआ है।
आरामको पर मिसाइल हमला
यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको (Aramco) पर रॉकेट हथियार और ड्रोन से हमला किया है। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक हूती विद्रोहियो ने असिर, दम्मन और जागन के मिलिट्री बेस पर भी हमला किया है। इस हमले से सबसे ज्यादा नुकसान तेल कंपनी अरामको को काफी नुकसान पहुंचा है। ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने कहा है कि उसने सऊदी अरब पर 14 ड्रोन और 8 बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है। हूती मिलिट्री प्रवक्ता याहया सरीया ने दावा किया है कि ‘हमने सऊदी अरब के अंदर घुसकर 14 ड्रोन और 8 बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है। इस हमले में हमने सऊदी तेल कंपनी अरामको को निशाना बनाया है’.
हूती विद्रोहियों द्वारा किए गये मिसाइल हमले के बाद सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ‘रास तनुरा में सबसे बड़े तेल स्टोरेज को ड्रोन से निशाना बनाया गया है। ये दुनिया की सबसे बड़ी कच्चे तेल की सफाई का यंत्र है जिसे हूती विद्रोहियों ने निशाना बनाया है। ये मिसाइल समुन्द्र की तरफ से फायर किया गया है’।
पेट्रोल-डीजल होगा और महंगा
बताया जा रहा है कि सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको के जिस हिस्से को निशाना बनाया गया है वहां सबसे ज्यादा कच्चे तेल का उत्पादन किया जा रहा था। ये हमला उस वक्त किया गया है जब सऊदी अरब गठबंधन सेना यमन के अंदर हूती विद्रोहियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है। जिसकी वजह से यमन के अंदर की स्थिति काफी ज्यादा बिगड़ चुकी है। बदला लेने के लिए हूती विद्रोही भी सऊदी अरब को निशाना बना रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस हमले का असर भारत जैसे देशों पर काफी ज्यादा पड़ेगा क्योंकि भारत कच्चे तेल का बड़ा हिस्सा सऊदी अरब की इसी तेल कंपनी से खरीदता है। इस हमले की वजह से कच्चे तेल की कीमत पिछले एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। पिछले पांच कारोबारी सत्रों से कच्चे तेल की कीमत में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। आज सुबह कच्चे तेल की कीमत बढ़कर 70.72 डॉलर प्रति बैरल को पार कर चुका था। भारत अपनी जरूरत का 80 प्रतिशत से ज्यादा कच्चे तेल का आयात विदेशों से करता है लिहाजा माना जा रहा है कि अरामको पर हमले के बाद भारत में तेल की कीमत में और ज्यादा उछाल आ सकता है।