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रेप के आरोपी को फांसी की सजा: 11 साल की बच्ची को बनाया था हवस का शिकार, कोर्ट ने सुनाया फैसला

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मड़ियाहूं थाना क्षेत्र में 11 वर्ष की बच्ची से रेप व हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट प्रथम रवि यादव ने आरोपी को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई 6 मार्च को पूरी कर ली थी, इसके बाद सात महीने में ही फैसला सुनाकर बच्ची को इंसाफ दे दिया. गौरतलब है कि मड़ियाहूं थाना क्षेत्र निवासी 11 वर्षीय बच्ची 6 अगस्त 2020 को सायं 8:00 बजे दोषी आरोपी बाल गोविन्द ने टॉफ़ी और बिस्किट दिलाने के बहाने बहला-फुसलाकर ले गया. इसके बाद मक्के के खेत में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. इतना ही नहीं दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर शव को एसिड से जला दिया था. इस जघन्य घटना के बाद लोगों का गुस्सा सड़कों पर उतर आया था. लोगों ने आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की थी.

नवंबर में तय हुए थे आरोप

इसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी बाल गोविन्द को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. मामले की विवेचना पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. नवंबर 2020 को कोर्ट ने आरोपी पर आरोप तय कर दिए. इसके बाद छोटी बहन और दुकानदार की गवाही पर कोर्ट ने बाल मुकुंद को दोषी मानते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई है. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के अधिवक्‍ता ने न्‍यायालय को बताया कि ईंट-भट्टे पर काम करने वाला चंदौली का बालगोविंद उर्फ गोविंदा अपनी ससुराल मड़ियाहूं में रह रहा था. पिछले साल छह अगस्त को उसने 11 वर्षीय बच्‍ची और उसकी बहन को एक दुकान से टॉफी और बिस्किट दिलाया. इसके बाद छोटी बहन को घर भेज दिया और बड़ी को बहला फुसलाकर मक्के के खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया. मामला खुलने के डर से उसने बच्‍ची की गला और मुंह दबाकर हत्या कर दी. इतना ही नहीं इसके बाद शव को एसिड से जला दिया.