एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक बार फिर फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि एक शख्स ने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को दिखाते हुए फिल्म (द कश्मीर फाइल्स) बनाई। इससे पता चलता है कि बहुसंख्यक हमेशा अल्पसंख्यक पर हमला करते हैं और जब वह बहुसंख्यक मुस्लिम होता है तो हिंदू समुदाय असुरक्षित हो जाता है। पवार ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता में बैठे लोगों ने इस फिल्म का प्रचार किया।’
पवार ने द कश्मीर फाइल्स का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि धार्मिक आधार पर समाज में दरार पैदा करने की कोशिश की जा रही है। अमरावती में पार्टी समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाता था। जब भी एक छोटा समुदाय समस्या का सामना करता है तो एक बहुसंख्यक समुदाय उन पर कैसे हमला करता है। अगर बहुसंख्यक समुदाय मुस्लिम है तो हिंदू समुदाय में असुरक्षा की भावना का अनुभव होता है। आज यह असुरक्षा पैदा करने के लिए एक सुनियोजित साजिश हो रही है।”
एनसीपी प्रमुख ने देश में पैदा हो रही सांप्रदायिक स्थिति पर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा कश्मीरी पंडितों पर हमलों की जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती। हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा की जा रही है जो एक बहुत ही चिंताजनक बात है। इसलिए, जो लोग समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करने में विश्वास करते हैं, उन्हें साथ आना चाहिए। राकांपा लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश करने वालों के खिलाफ संघर्ष करने को तैयार है।
पवार ने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों, दलितों और गैर-दलितों के बीच कुछ हलकों में दरार पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। हमें इसकी जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता एमवीए के हाथों में है, लेकिन स्थिति आसान नहीं है। सत्ता से दूर हुए लोग इसे हथियाने के लिए बेताब हैं। केंद्र के हाथों में सत्ता का इस्तेमाल करके वे राज्य में सरकार को अस्थिर करने के लिए तैयार हैं।