वास्तु के लिहाज से सिंदूर का विशेष महत्व है। सिंदूर हर सुहागन स्त्री के शृंगार का अहम हिस्सा है। सुहागन स्त्री सिंदूर से अपनी मांग भरती है। शास्त्रों में कहा गया है कि स्त्री के सिंदूर लगाने से उसके पति की आयु लंबी होती है। रोगों से उसकी रक्षा होती है।
हर रोज सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय थोड़ा सा सिंदूर जल में मिला लें। अपने घर के दरवाजे पर सिंदूर से स्वास्तिक के निशान बना दें। ऐसा करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। जिन घर में पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा होता है, उन्हें इस उपाय को अवश्य आजमाना चाहिए। माना जाता है कि घर के मुख्य दरवाजे पर तेल में सिंदूर मिलाकर लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता। ऐसा लगातार 40 दिन करने से घर में मौजूद वास्तुदोष दूर हो जाता है।
हिंदू धर्म के अनुसार देवी-देवताओं की पूजा भी बिना सिंदूर अधूरी होती है। धन की हानि हो रही है तो ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए पांच मंगलवार और शनिवार तक चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को चढ़ाएं। चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को अर्पित करें। ऐसा करने से कारोबार में उन्नति होगी और धन से संबंधित सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी। सिंदूर को मरीज के ऊपर से उतारकर बहते हुए जल में प्रवाहित करने से बीमारी में तेजी से लाभ मिलता है। घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर चढ़ी हुई भगवान श्रीगणेश की मूर्ति लगाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। सुहागिन महिलाओं को बाल धोने के बाद सुबह गौरी मां को सिंदूर चढ़ाना चाहिए और कुछ सिंदूर अपने भी लगाना चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन अच्छा व्यतीत होता है।